मार्गशीर्ष माह में मासिक शिवरात्रि कब है? नोट कर लें डेट, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त
- हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शंकर को समर्पित होता है। मासिक शिवरात्रि पर रात्रि में पूजा का विशेष महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
Masik Shivratri 2024 : हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शंकर को समर्पित होता है। मासिक शिवरात्रि पर रात्रि में पूजा का विशेष महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस समय मार्गशीर्ष माह चल रहा है। मार्गशीर्ष मास की मासिक शिवरात्रि यानी 29 नवंबर, शुक्रवार को है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि की पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त-
मुहूर्त-
मार्गशीर्ष, कृष्ण चतुर्दशी प्रारम्भ - 08:39 ए एम, नवम्बर 29
मार्गशीर्ष, कृष्ण चतुर्दशी समाप्त - 10:29 ए एम, नवम्बर 30
पूजा का शुभ मुहूर्त- 29 नवंबर 11:43 पी एम से 12:37 ए एम, नवम्बर 30
पूजा-विधि:
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें।
भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें।
भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें। किसी भी शुभ कार्य से पहलेभगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।
भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें।
ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं।
पूजा सामग्री की लिस्ट-पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
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