Hindi Newsधर्म न्यूज़Mahashivratri Pooja How to do 4 Pahar Puja on Maha shivratri 2025 Mahashivratri pooja kaise kare

Mahashivratri: महाशिवरात्रि पर 4 पहर की पूजा कैसे करें? जानें विधि

  • Mahashivratri Pooja: महाशिवरात्रि ग्रहों के शुभ संयोग में मनाई जाएगी। ऐसे में व्रत से दोगुना लाभ प्राप्त किया जा सकता है। महाशिवरात्रि व्रत करने से दुःख, शोक, दरिद्रता के साथ सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो सकती हैं।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 23 Feb 2025 10:46 AM
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Mahashivratri: महाशिवरात्रि पर 4 पहर की पूजा कैसे करें? जानें विधि

Mahashivratri Pooja: 2025 में महाशिवरात्रि पर बहुत ही दुर्लभ संयोग बना हुआ है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बुधवार को महाशिवरात्रि व्रत रखा जाएगा। महाशिवरात्रि ग्रहों के शुभ संयोग में मनाई जाएगी। ऐसे में व्रत से दोगुना लाभ प्राप्त किया जा सकता है। महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र, परिघ योग में पूजा और उपासना करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान शिव का नाम जपने वाले मंत्र बहुत ही शुभ फलदायक और सफलता कारक होते हैं। वहीं, परिघ योग में नया कार्य करने पर उसमें पूर्ण सफलता हासिल होती है। 26 फरवरी की सुबह त्रयोदशी तिथि 11:08 बजे तक रहेगी। उसके बाद चतुर्दशी तिथि आरम्भ हो जाएगी, जो 27 फरवरी गुरुवार को प्रातः 08:54 बजे तक रहेगी।

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महाशिवरात्रि पर 4 पहर की पूजा कैसे करें: महाशिवरात्रि व्रत को करने से दुःख, शोक, दरिद्रता के साथ सभी प्रकार की व्याधियों का भी शमन होने लगता है। शिव परिवार का विधिवत षोडशोपचार पूजन कर जागरण करना चाहिए। शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए। जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं, उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए। भगवान शिव को दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी और जल का प्रयोग करते हुए तिलक और भस्म लगाएं। भोलेनाथ को वैसे तो कई प्रकार के ऋतु फल अर्पित किए जाते हैं, लेकिन शिवरात्रि पर बेर जरूर अर्पित करना चाहिए। बेर को चिरकाल का प्रतीक माना जाता है।

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ग्रहों का शुभ संयोग: पंचांग अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन मीन राशि में राहु और शुक्र दो ग्रह गोचर कर रहे हैं। एक साथ दोनों ग्रहों का होना संसार के लिए कल्याणकारी होगा। वहीं, सूर्य, शनि व बुध कुम्भ राशि में विराजमान रहेंगे। माना जाता है कि बुध, सूर्य के एक साथ होने से सुख, समृद्धि और आरोग्यता की प्राप्ति होती है। सभी क्षेत्रों में विकास होता है। बुध व सूर्य ऐश्वर्य, शांति, सौंदर्य और सांसारिक भोगों को प्रदान करते हैं। महाशिवरात्रि के पूरे दिन मकर राशि में व रात्रि में कुम्भ राशि में मन के कारक चन्द्रमा रहेंगे, जो शांतिशीलता, सु:ख और आरोग्यता प्रदान करते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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