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Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा के दिन इन सरल मंत्रों का करें जाप, कष्टों से मुक्ति मिलने की है मान्यता

  • Magh Purnima 2025 : इस साल 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा है। इस दिन विष्णुजी, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूजान के दौरान कुछ मंत्रों के जाप से सभी परेशानियां दूर होती हैं।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 9 Feb 2025 07:32 PM
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Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा के दिन इन सरल मंत्रों का करें जाप, कष्टों से मुक्ति मिलने की है मान्यता

Magh Purnima 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी। माघ पूर्णिमा का दिन स्नान-दान के कार्यों के लिए खास होता है। इस दिन लक्ष्मी-नारायण और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पितरों की आत्माशांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्य भी किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णुजी की पूजा करने से साधक के सभी दुख-कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस दिन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए लक्ष्मी-नारायण के कई विशेष मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी माना जाता है। कहा जाता है कि इससे साधक पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और विष्णुजी को प्रसन्न करने वाले सरल मंत्र...

माघ पूर्णिमा तिथि : द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी 2025 को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन शाम को 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा है।

इन मंत्रों का करें जाप : माघ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी, विष्णुजी और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा के दौरान कुछ सरल मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

विष्णुजी का मंत्र

1.ऊँ नमो नारायणाय

2.ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय

3.श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

4. ऊँ विष्णवे नमः

5.ऊँ हूं विष्णवे नमः

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मां लक्ष्मी का मंत्र

1.ऊँ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः

2.ऊँ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद

3.ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः

4.ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः

5. लक्ष्मी नारायण नमः

चंद्रदेव का मंत्र

1.ऊँ ऐं क्लीं सोमाय नमः

2.ऊँ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः

3.ऊँ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नमः

4.ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुधः प्रचोदयात।

5.ऊँ चं चंद्रमस्यै नमः

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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