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Jivitputrika Vrat 2024: जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व महत्व

  • Jivitputrika Vrat 2024 Date and Time: जीवित्पुत्रिका व्रत में माताएं अपने संतान की सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए पूरे दिन व पूरी रात निर्जला रहती हैं। जानें इस साल कब है जितिया व्रत-

Saumya Tiwari नई दिल्ली, लाइव हिन्‍दुस्‍तान टीमFri, 12 July 2024 12:56 PM
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Jivitputrika Vrat 2024 Date and Muhurat: हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को जितिया या जिउतिया व्रत भी कहते हैं। इस दिन माताएं अपने संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है। जितिया व्रत में महिलाएं 24 घंटे तक अन्न व जल कुछ ग्रहण नहीं करती हैं। जानें इस साल कब है जीवित्पुत्रिका व्रत व पूजन का शुभ मुहूर्त:

जीवित्पुत्रिका या जिउतिया व्रत कब है: हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है। इस अष्टमी तिथि 24 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से शुरू होगी और 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल जीवित्पुत्रिका व्रत 25 सितंबर 2024 को है।

 

जीवित्पुत्रिका व्रत का नहाय-खाय कब होगा-

24 सितंबर को जितिया व्रत का नहाय खाय होगा और 25 सितंबर को निर्जला व्रत माताएं रखेंगी। इसके बाद 26 सितंबर को व्रत का पारण किया जाएगा।

जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व: मान्यता है कि जितिया व्रत से संतान को लंबी आयु व खुशहाल जीवन प्राप्त होता है। इस व्रत के प्रभाव से संतान को सुखों की प्राप्ति होती है।

जितिया व्रत पूजन के शुभ मुहूर्त:

लाभ - उन्नति: 06:10 ए एम से 07:41 ए एम

अमृत - सर्वोत्तम: 07:41 ए एम से 09:11 ए एम

शुभ - उत्तम: 10:41 ए एम से 12:12 पी एम

लाभ - उन्नति: 04:43 पी एम से 06:13 पी एम

जितिया व्रत पूजा- विधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें

स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं।

धूप, दीप आदि से आरती करें और इसके बाद भोग लगाएं। 

मिट्टी और गाय के गोबर से चील व सियारिन की मूर्ति बनाएं।

कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें।

विधि- विधान से पूजा करें और व्रत की कथा अवश्य सुनें।

व्रत पारण के बाद दान जरूर करें।

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