जितिया व्रत में व्रति नहाय खाय कब करेंगे, पंचांग भेद के कारण दो दिन है व्रत
- Jitiya nahay khay kab hai: यह जिउतिया पर्व व्रति अपने पुत्र की सलामति के लिए करती हैं। इस पर्व का बड़ा महत्व है। जानें इसका नहाय खाय कब होगा।
इस साल मिथिला और बनारस पंचांग में भेद होने के कारण संतान के लिए रखे जाने वाले जितिया व्रत दो अलग-अलग दिन रखा जा रहा है। बिहार में कई जगह इसे 24 सितंबर को रखा जा रहा है और कई जगह 25 सितंबर को रखा जा रहा है। जो लोग 24 सितंबर को जितिया व्रत रख रहे हैं, उनके लिए नहाय खाय आज सोमवार 23 सितंबर को होगा। इसके बाद मंगलवार को पूरे दिन उपवास रखा जाएगा और बुधवार को व्रत का पारण होगा। जो लोग बनारस पंचांग को मान रहे हैं, उनके यहां नहाय खाय मंगलवार को और जीवत्पुत्रिका व्रत बुधवार को रखा जाएगा, इसके बाद व्रत का पारण 26 सितंबर को प्रातःकाल सूर्योदय 06.02 बजे के बाद किया जाएगा।
कब व्रत करना है उत्तम
कई ज्योतिषियों के अनुसार जितिया व्रत सप्तमी युक्त अष्टमी में नहीं बल्कि अष्टमी युक्त नवमी में करने का विधान है। इस व्रत को आश्विन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि में सूर्योदय हो, यानी उदया तिथि हो, उसी में जीवत्पुत्रिका व्रत करना चाहिए। सूर्योदय काल में किंचित् मात्र भी अष्टमी हो, भले उसके बाद पूर्ण नवमी हो तो अष्टमी युक्त नवमी में ही जीवत्पुत्रिका व्रत करने का विधान है। लेकिन पहले सप्तमी हो और फिर दिन में अष्टमी शुरू हो रही है, तो उस दिन जितिया नहीं रखते हैं। यह जिउतिया पर्व महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए करती हैं। इस पर्व का बड़ा महत्व है। इस पर्व में व्रति पूजन पर डाला पर में नारियल, खीरा, चना, खाजा समेत अन्य पूजन की सामग्री चढ़ाते हैं। इस व्रत में जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। नहाय खाय और व्रत और फिर अगले दिन पारण, कुल मिलाकर तीन दिन तक व्रत चलता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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