Hindi Newsधर्म न्यूज़Jaya Ekadashi 2025 mistakes to avoid on jaya ekadashi vrat

Jaya Ekadashi 2025:जया एकादशी व्रत के दिन इन 7 बातों का रखें ध्यान, न करें ये गलती

  • Jaya Ekadashi 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 08 फरवरी 2025 को जया एकादशी व्रत रखा जाएगा। यह दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना जाता है। साथ ही इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखने की भी सलाह दी जाती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 3 Feb 2025 04:01 PM
share Share
Follow Us on
Jaya Ekadashi 2025:जया एकादशी व्रत के दिन इन 7 बातों का रखें ध्यान, न करें ये गलती

Jaya Ekadashi 2025 : हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णुजी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। माघ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी व्रत रखा जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 08 फरवरी 2025 को जया एकादशी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। आर्थिक समस्याएं दूर होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। ऐसी मान्यता है कि जया एकादशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति भूत-पिशाच के योनि में नहीं जाता है और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जया एकादशी के दिन व्रत-उपवास रखने से साधक के सभी पाप नष्ट होते हैं, लेकिन इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी माना जाता है। आइए जानते हैं कि जया एकादशी के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जया एकादशी के इन 7 बातों का रखें ध्यान

एकादशी व्रत के दिन अपशब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। वाणी पर संयम रखें और मधुर वचन बोलें।

एकादशी व्रत में ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।

एकादशी व्रत में गाजर, गोभी, मांस-मदिरा, लहसुन प्याज, मसूर की दाल समेत तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

एकादशी के दिन नाखून,दाढ़ी और बाल कटवाने की भी मनाही होती है।

एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़े, लेकिन विष्णुजी की पूजा में इस्तेमाल करने के लिए एक दिन पहले ही तुलसी का पत्ता तोड़कर रख लें।

एकादशी व्रत के दिन चावल का सेवन करने से बचना चाहिए।

जया एकादशी के दिन अपने क्षमतानुसार दान-पुण्य के कार्य कर सकते हैं। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान-दक्षिणा भी दें।

जया एकादशी के दिन स्नानादि के बाद श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। इसके बाद विष्णुजी के मंत्र 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' का जाप करें। विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करें।

ये भी पढ़ें:Jaya Ekadashi 2025:फरवरी में जया एकादशी कब है? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें