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सुबह से लेकर शाम तक इन मुहूर्त में करें इंदिरा एकादशी की पूजा, जानें पूजन विधि

  • Indira Ekadashi 2024 Muhurat: आश्विन मास की कृष्ण पक्ष एकादशी के दिन आज इंदिरा एकादशी है। इंदिरा एकादशी का व्रत पितृपक्ष में पड़ता है, जो पितरों की मुक्ति के लिए शुभ माना जाता है। जानें पूजा के मुहूर्त व पंडित जी से पूजाविधि-

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 28 Sep 2024 09:51 AM
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Indira Ekadashi 2024 Muhurat : पितृ पक्ष की एकादशी आज है। 28 सितंबर, शनिवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि है। यह एकादशी इंदिरा एकादशी कहलाती है। इस व्रत से न केवल व्यक्ति के पापों का नाश होता है, बल्कि पूर्वजों की आत्मा को भी शांति मिलती है। आइए जानते हैं एकादशी पूजा के शुभ मुहूर्त, पारण का दिन, भोग, और पंडित जी से इंदिरा एकादशी की पूजाविधि व कथा-

इंदिरा एकादशी का मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 27, 2024 को दोपहर 01:20 बजे

एकादशी तिथि समाप्त - सितम्बर 28, 2024 को दोपहर 02:49 बजे

पारण (व्रत तोड़ने का) दिन - 29 सितम्बर

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सुबह से लेकर शाम तक इन मुहूर्त में करें इंदिरा एकादशी की पूजा

ब्रह्म मुहूर्त- 04:36 ए एम से 05:24 ए एम

प्रातः सन्ध्या- 05:00 ए एम से 06:13 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11:47 ए एम से 12:35 पी एम

विजय मुहूर्त- 14:11 पी एम से 14:59 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 6:10 पी एम से 6:34 पी एम

सायाह्न सन्ध्या- 6:10 पी एम से 7:23 पी एम

अमृत काल- रात 01:53, सितम्बर 29 से रात 03:38, सितम्बर 29

निशिता मुहूर्त- 11:48 पी एम से 12:36 ए एम, सितम्बर 29

इंदिरा एकादशी के चौघड़िया मुहूर्त (पंचांग अनुसार)

शुभ- 07:42 ए एम से 09:12 ए एम

लाभ -1:41 पी एम से 3:11 पी एम वार वेला

अमृत - 3:11 पी एम से 4:41 पी एम

लाभ -6:10 पी एम से 7:41 पी एम

शुभ - 9:11 पी एम से 10:41 पी एम

अमृत - 10:41 पी एम से 12:12 ए एम, सितम्बर 29

 

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भोग- गुड़, चने की दाल, किशमिश, केला

मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, ॐ विष्णवे नम:

उपाय- इंदिरा एकादशी के दिन श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने और केले के पेड़ की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।

 

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इंदिरा एकादशी पूजा-विधि

पुजारी पुरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, इंदिरा एकादशी के दिन प्रात: काल में स्नान करके भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। पूजा में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु को पीले फूल, पीतांबर वस्त्र, फल और मिठाई अर्पित करें। रात को जागरण करें। इसके साथ ही भजन कीर्तन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। व्रत कथा के अनुसार सतयुग में महिष्मान नामक एक राजा था। उनके पितृगण यमलोक में कष्ट भोग रहे थे। नारद मुनि के कहने पर राजा ने इंदिरा एकादशी का व्रत किया। इससे उनके पितृगण को स्वर्ग में स्थान मिल सका। इसी तरह इस व्रत के महात्म्य को जानकर भक्त इसे बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो इंदिरा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से भक्तों को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। उनके जीवन में सुख समृद्धि आती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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