इस वीक शुरू हो रहे हैं होलाष्टक और इसी वीक है रंगभरी एकादशी
- इस वीक शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, होली से पहले के ये 8 दिन अशुभ माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इन 8 दिनों में भक्त प्रह्लाद को बहुत कष्ट दिए गए थे। इसके अलावा इस वीक रंगभरी एकादशी भी है।

इस वीक शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, होली से पहले के ये 8 दिन अशुभ माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इन 8 दिनों में भक्त प्रह्लाद को बहुत कष्ट दिए गए थे। इसलिए होलाष्टक के इन शुरू के दिनों में इसके अलावा इस सप्ताह रंगभरी एकादशी भी है। रंगभरी एकादशी से होली का पर्व शुरू हो जाता है। खाटू श्याम मंदिर में इस दिन मेला लगता है। इसके अलावा काशी, उज्जैन में भी इसी दिन से होली का पर्व शुरू होता है। यहां पढ़ें 04 मार्च से 10 मार्च 2025 तक के पर्व और त्योहार
04 मार्च (मंगलवार) फाल्गुन शुक्ल पंचमी तिथि अपराह्न 03.17 मिनट तक रहेगी। महर्षि याज्ञवल्क्य जयंती।
05 मार्च (बुधवार) फाल्गुन शुक्ल षष्ठी तिथि दोपहर 12.52 मिनट तक ही रहेगी। गोरूपिणी षष्ठी (बंगाल)।
06 मार्च (गुरुवार) फाल्गुन शुक्ल सप्तमी तिथि प्रात 10.51 मिनट तक रहेगी। भद्रा प्रात 10.51 मिनट से रात्रि 10.05 मिनट तक रहेगी।
07 मार्च (शुक्रवार) फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि प्रात 09.19 मिनट तक। होलाष्टक प्रारंभ। अन्नपूर्णा अष्टमी भी इसी दिन है।
08 मार्च (शनिवार) फाल्गुन शुक्ल नवमी तिथि प्रात 08.17 मिनट तक पश्चात दशमी तिथि है।
09 मार्च (रविवार) फाल्गुन शुक्ल दशमी तिथि प्रात 07.46 मिनट तक। भद्रा सायं 07.45 मिनट से। फागु दशमी (उड़ीसा)।
10 मार्च (सोमवार) फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि प्रात 07.45 मिनट तक पश्चात द्वादशी तिथि। भद्रा प्रात 07.45 मिनट तक। रंगभरी एकादशी, आमलकी एकादशी व्रत भी इसी दिन है। गोविंद द्वादशी। गंडमूल रात्रि 12.52 मिनट बाद है।
पं. ऋभुकांत गोस्वामी
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