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Hariyali Teej 2024 : शिव योग में हरियाली तीज,आज ही नोट कर लें शुभ मुहूर्त,सामग्री लिस्ट, पूजाविधि और महत्व

  • Hariyali Teej 2024 Kab Hai : हर साल सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हरियाली तीज का निर्जला व्रत रखती है और शिव-गौरी की विधिवत पूजा करती हैं।

Arti Tripathi नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 5 Aug 2024 12:48 PM
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Hariyali Teej 2024 Date and Shubh Muhurat : सनातन धर्म में हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस सुहागिनें और कुंवारी कन्याएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत रखने से विवाहित महिलाओं को अखंड सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। वहीं,कुंवारी कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त,पूजा-सामग्री पूजाविधि और महत्व...

हरियाली तीज 2024 कब है?

पंचांग के अनुसार, इस साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 6 अगस्त को रात 07 बजकर 42 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजकर 05 मिनट पर इसका समापन होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 7 अगस्त 2024 को ही हरियाली तीज मनाई जाएगी।

शिव योग का होगा निर्माण : हरियाली तीज के दिन सुबह 11 बजकर 41 मिनट से लेकर अगले दिन तक शिव योग का निर्माण होगा।

पूजन सामग्री- पूजा करने के लिए बेलपत्र, भांग, धतुरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, नारियल, सुपारी, अक्षत या चावल, दूर्वा,धूप, दीप, घी, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत समेत सभी पूजन सामग्री को एकत्रित कर लें।

पूजाविधि :

हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठें।

स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।

इसके बाद महिलाएं 16 श्रृंगार करें।

शिव-पार्वती का ध्यान करें।

अब निर्जला व्रत का संकल्प लें।

शाम को शिव परिवार की विधिवत पूजा करें।

मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं।

हरियाली तीज की व्रत कथा सुनें।

अंत में शिव-गौरी के साथ सभी देवी-देवताओं की आरती करें।

हरियाली तीज का महत्व

पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सुहागिन महिलाएं हरियाली तीज का निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती है। सावन मास के गीत गाने का विशेष महत्व है। महिलाएं झूला-झूलकर सावन के इस खास पर्व का उत्साह मनाती हैं। वहीं, कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रख सकती हैं। धार्मिक मान्यता है कि हरियाली तीज के दिन मां पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था। माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए 108 जन्मों तक कठोर तप किया था। इस कठोर तप के बाद शिवजी ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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