Gita Jayanti 2024 : गीता जयंती कब है? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और श्लोक
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र में अर्जुन को भगवान कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। तभी से मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी पर गीता जयंती मनाई जाती है।
Gita Jayanti 2024 : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र में अर्जुन को भगवान कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। तभी से मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी पर गीता जयंती मनाई जाती है। श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया का सबसे श्रेष्ठ ग्रंथ है। इस ग्रंथ का पाठ करनेवाला व्यक्ति जीवन में कभी भी परेशान नहीं हो सकता है। श्रीमद्भगवद्गीता का अनुसरण करने वाले व्यक्ति को मृत्युके पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म और कर्म को समझाते हुए उपदेश दिया था। महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के द्वारा जो उपदेश दिए गए उसे गीता कहा जाता है। गीता के उपदेश में जीवन जीने, धर्मका अनुसरण करनेऔर कर्मके महत्व को समझाया गया है। मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। मोक्षदा एकादशी पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से और व्रत रखने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन उपवास करने की मान्यता है। गीता जयंती के दिन उपवास करने से मन पवित्र होता है और शरीर स्वस्थ रहता है। साथ ही समस्त पापों से भी छुटकारा मिलता है।
गीता के कुछ चुनिंदा श्लोक-
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥
अर्थ है: आत्मा को न शस्त्र काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है। अर्थात भगवान कृष्ण इस श्लोक में आत्मा को अजर-अमर और शाश्वत कह रहे हैं।
''यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत I
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानम सृज्याहम।।
अर्थ है: हे भारत (अर्जुन), जब-जब अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब मैं (श्रीकृष्ण) धर्म के अभ्युत्थान के लिए अवतार लेता हूं।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे ॥
अर्थ है: सज्जन पुरुषों के कल्याण के लिए और दुष्कर्मियों के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं(श्रीकृष्ण) युगों-युगों से प्रत्येक युग में जन्म लेता आया हूं।
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