आज है गंगा दशहरा, पुण्य काल शुरू, दिनभर कर सकते हैं स्नान-दान
- पौराणिक मान्यता के अनुसार महाराज भागीरथ के कठोर तप के पश्चात इसी दिन भगवान शिव की जटाओं द्वारा मां गंगा का पृथ्वी पर आगमन हुआ था। इसलिए प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस बार गंगा दशहरा का पर्व 16 जून रविवार को मनाया जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार महाराज भागीरथ के कठोर तप के पश्चात इसी दिन भगवान शिव की जटाओं द्वारा मां गंगा का पृथ्वी पर आगमन हुआ था। इसलिए प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व के रूप में मनाया जाता है। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर गंगा स्नान का विशेष महत्त्व है। गंगा स्नान के अतिरिक्त इस दिन किए गए दान, पूजा पाठ उपासना आदि भी बहुत पुण्य प्रदान करने वाले होते हैं।
गंगा दशहरा के दिन गंगा-स्नान और मां गंगा का पूजन अर्चन करने से अनंत कोटि पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन अन्य तीर्थों में भी स्नान पूजन दान आदि किया जाता है। अगर आप गंगा स्नान या किसी भी तीर्थ स्थल पर ना जा पाएं तो गंगाजल को अपने स्नान करने के जल में मिलाकर मां गंगा का ध्यान करते हुए घर पर स्नान करें। अपनी सामर्थ्य के अनुसार मंदिर में और जरूरतमंद लोगों को भोजन सामग्री, वस्त्र आदि अवश्य दान करना चाहिए।
स्नान दान के लिए इस समय शुरू होगा पुण्यकाल
16 जून को दशमी तिथि सूर्योदय से लगभग तीन घंटे पहले 15-16 जून की मध्य रात्रि में 2 बजकर 32 मिनट पर ही शुरू हो जाएगी। पूरे दिन उपस्थित रहेगी यानि कि 16 जून को सूर्योदय दशमी तिथि की उपस्थिति में ही होगा। इसलिए 16 जून गंगा दशहरा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले ही स्नान दान पूजा अर्चना के लिए पुण्यकाल आरम्भ हो जाएगा। दिनभर तीर्थ स्नान दान पूजना अर्चन के लिए शुभ समय रहेगा।
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