गजानन संकष्टी चतुर्थी आज, नोट करें मुहूर्त, पूजाविधि, मंत्र, आरती, चंद्र दर्शन टाइम
- Gajanana Sankashti Chaturthi : जुलाई महीने की इस चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा। माताएं इस व्रत को संतान की प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।
Gajanana Sankashti Chaturthi : इस साल श्रावणमास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। जुलाईमहीने की इस चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा। माताएं इस व्रत को संतान की प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस दिन गणेश भगवान और चंद्र देव की पूजा-उपासना की जाती है। आइए जानते हैं गजानन संकष्टी चतुर्थी पूजा का मुहूर्त, विधि, मंत्र, चंद्र दर्शन समय और गणेश जी की आरती-
गजानन चतुर्थी शुभ मुहूर्त
गजानन संकष्टी चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - जुलाई 24, 2024 को 07:30 ए एम बजे
गजानन संकष्टी चतुर्थी तिथि समाप्त - जुलाई 25, 2024 को 04:39 ए एम बजे
गजानन संकष्टी चतुर्थी पूजा-विधि
1- भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें
2- गणेश भगवान को पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं
3- तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं
4- गजानन संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें
5- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें
6- पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें
7- चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें
8- व्रत का पारण करें
9- क्षमा प्रार्थना करें
चांद निकलने का टाइम
दृक पंचांग के अनुसार, 24 जुलाईको रात 09 बजकर 38 मिनट पर चंद्रोदय होगा। हालांकि, अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा अंतर हो सकता है। चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही व्रत सम्पूर्ण माना जाता है।
मंत्र- ॐ गणेशाय नमः
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।