Hindi Newsधर्म न्यूज़Diwali puja: which ganesh Lakshmi murti is best for Diwali pujan

Diwali puja: लक्ष्मी-गणेश की जुड़ी प्रतिमा न लें, धनवर्षा करती मां लक्ष्मी की मूर्ति लेना उचित

  • Diwali puja:दीवाली पर पूजन के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखे कि लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा एक साथ जुड़ी न हो। बल्कि मां लक्ष्मी और गणेशजी की अलग-अलग प्रतिमाएं ही खरीदें।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, वाराणसी, मुख्य संवाददाताWed, 30 Oct 2024 06:35 AM
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दीवाली की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा जरूरी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा की खरीदारी है। गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदते समय आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। ताकि दीवाली पूजन पूर्ण फलदायक हो।

ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. विकास शास्त्री ने बताया कि शास्त्र के अनुसार लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा धनतेरस के दिन खरीदना शुभ माना जाता है। दीवाली पर पूजन के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखे कि लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा एक साथ जुड़ी न हो। बल्कि मां लक्ष्मी और गणेशजी की अलग-अलग प्रतिमाएं ही खरीदें।

यह विशेष रूप से ध्यान रखें कि लक्ष्मीजी की प्रतिमा में उनके हाथ से धन वर्षा हो रही है या नहीं। धन वर्षा करती प्रतिमा ही खरीदें। इन्हें धन लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। दीवाली पूजन में उल्लू की जगह हाथी या कमल पर विराजमान मां लक्ष्मी की प्रतिमा का पूजन नहीं करना चाहिए। दीवाली पर मिट्टी से बनी प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। मिट्टी की प्रतिमा के अलावा पीतल, अष्टधातु या चांदी की मूर्ति का भी पूजन कर सकते हैं। दीवाली पूजन में खंडित या टूटी हुई प्रतिमा पूजाघर में नहीं रखनी चाहिए।

गणपति के विग्रह की सूंड दाईं तरफ मुड़ी हुई हो

दीवाली में पूजन के लिए हमेशा बैठे हुए गणेशजी और माता लक्ष्मी की ही प्रतिमा लाएं। खड़े मुद्रा की प्रतिमा दीवाली पर पूजन के लिए शुभ नहीं मानी जाती। गजानन के हाथ में मोदक हो, उनका वाहन चूहा भी साथ हो। गणेश जी की सूंड दाईं तरफ मुड़ी हुई होना चाहिए। बाईं ओर मूड़ी सूंड व्यापारियों के लिए अच्छी मानी गई है। प्रतिमा स्थापित करने से पूर्व पूजा घर को अच्छी तरह से साफ करें।

दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त (31 अक्तूबर 2024)

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 06:45 से 08:30 तक

अवधि - 01 घण्टे 45 मिनट

प्रदोष काल - 05:48 से 08:21

वृषभ काल - 06:35 से 08:33

गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:36 से 06:02 तक

संध्या पूजा- शाम 05:36 से 06:54 तक

निशिथ काल पूजा-रात्रि 11: 39 से 12: 31 तक

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