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Diwali lakshmi puja time:इस शुभ चौघड़िया, स्थिर लग्न मुहूर्त में पूजा से मां लक्ष्मी करेंगी धनवर्षा

Diwali lakshmi puja timing shubh choghadiya today दिवाली पर एक नहीं पूजा के लिए स्थिर लग्न समेत शुभ चौघड़िया मुहूर्त 31 अख्टूबर को मिल रहे हैं। घर और ऑफिस में पूजा के लिए उत्तम मुहूर्त

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठीThu, 31 Oct 2024 05:40 PM
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दीपावली का प्रसिद्ध पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या 31 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को बड़े ही श्रद्धा भाव एवं हर्षोल्लास के साथ पुरे विश्व में मनाया जायेगा | इस दिन श्री महागणपति, महालक्ष्मी एवं महाकाली की पौराणिक अथवा तांत्रिक विधि से साधना-उपासना का परम पवित्र पर्व दीपावली ,उद्योग-धंधे के साथ-साथ नवीन कार्य करने एवं पुराने व्यापार में खाता पूजन का विशेष विधान है |

अमावस्या तिथि पर चित्रा और स्वाति नक्षत्र
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं.दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि दीपावली कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को मनायी जाती है जो इस वर्ष श्री शुभ संवत् 2081 शाके 1946 कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार को बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को दिन में 3:11 से आरंभ होकर अगले दिन अर्थात 1 नवंबर 2024 दिन शुक्रवार को सायं 5:12 तक व्याप्त रहेगी। इस प्रकार अमावस्या की सम्पूर्ण रात 31 अक्टूबर को ही मिल रही है | इसके अतिरिक्त इस अमावस्या तिथि के आरम्भ के साथ रात में 1:02 बजे चित्रा नक्षत्र और उसके बाद स्वाति नक्षत्र आरंभ हो जाएगा । 31 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार को ही प्रदोष काल का भी बहुत ही उत्तम योग मिल रहा है |

कैसे करें मां लक्ष्मी का पूजन
माता लक्ष्मी सहित सभी के मस्तक पर हल्दी, कुमकुम, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। पूजन में अनामिका अंगुली चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल, हल्दी आदि लगाना चाहिए. इसी तरह उपरोक्त षोडशोपचार की सभी सामग्री से पूजा करें।

दिवाली 31 अक्टूबर को महानिशीथ काल
प्रदोष काल का महत्त्व गृहस्थो एवं व्यापारीक कार्यो हेतु महत्त्वपूर्ण होता है तथा महानिशीथ काल तान्त्रिकों कार्यो एवं क्रियाओ के लिए उपयुक्त होता है | महानिशीथ काल अर्थात महानिशा काल मध्यरात्रि में स्थिर लग्न सिंह 12:39 से 2:50 बजे के मध्य है। निशा पूजा, काली पूजा, तांत्रिक पूजा के लिए शुभ चौघड़िया के साथ मध्य रात में 10:24 से बजे से 1:30 बजे तक है जो अति महत्त्वपूर्ण, अति शुभ एवं कल्याण कारक मुहुर्त्त है।इस प्रकार प्रदोष काल में ही माता लक्ष्मी, भगवान गणेश एवं कुबेर आदि सहित दीपावली पूजन का श्रेष्ठ विधान है तथा प्रदोष काल में ही दीप प्रज्वलित करना उत्तम फल दायक होता है।

31 अक्टूबर को दीप जलाने का शुभ मुहूर्त

प्रदोष काल स्थिर लग्न सहित शाम 06:12 से 08:00 बजे तक। शाम 5:23 बजे से रात में 9 बजे तक अमृत एवं चर नामक शुभ चौघड़िया रहेगा | शुभ चौघड़िया प्राप्त होने के कारण दीप प्रज्वलित करने के लिए श्रेष्ठ है।

दीपावली में स्थिर लग्न और शुभ चौघड़िया

31 अक्टूबर दिन गुरुवार को स्थिर लग्न वृष रात में 06:11 से 8:00 बजे तक। जो अति श्रेष्ठ है एवं प्रदोष काल से युक्त है। स्थिर लग्न सिंह मध्य रात्रि बाद 12:40 से 2:50 बजे रात तक एवं शुभ चौघड़िया के साथ 12:30 से 1:30 बजे तक ।

दीपावली पूजन हेतु 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को शुभ चौघड़िया समय :-

(1) सायं 5:34 बजे से 07:10बजे तक अमृत

(2) रात में 7:10 से 8:40 बजे तक चर

(3)रात में 12:00 से 1:38 बजे तक लाभ

(4) रात में 3:16 से 4:54 बजे तक शुभ
गृहस्थों के लिए Diwali lakshmi pujan shubh muhurat

शाम 5:42 से 8:18 बजे

प्रदोष शाम 7:21 से 8:57 चंचल

विद्यार्थियों के लिए : शाम 6:35 से 8:32 वृषभ लग्न

व्यापारियों के लिए शाम 7:21 से 8:57 चंचल रात्रि 1:05 से 3:21 सिंह लग्न

किसानों के लिए शाम 5:42 से 7:20 अमृत

(5) भोर में 5:54 से 06:30 बजे तक अमृत

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