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Dhanteras 2024 Shubh Muhurat : धनेतरस के दिन के ये हैं शुभ मुहूर्त,प्रदोष काल में करें दीपदान

  • धनतेरस 29 अक्टूबर को है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की कई शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना होगी। धनतेरस के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:48 से 5:40 मिनट तक है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 27 Oct 2024 08:35 PM
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धनतेरस 29 अक्टूबर को है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की कई शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना होगी। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि धनतेरस के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:48 से 5:40 मिनट तक है। विजय मुहूर्त दोपहर 1:56 से 2:40 मिनट तक तो गोधूलि मुहूर्त का समय शाम 5:38 से 6:04 मिनट तक है। निशिता मुहूर्त 11: 39 से 12: 31 मिनट तक है। उन्होंने बताया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर कोसुबह 10: 31 मिनट से शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 1: 15 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 5:38 से लेकर 8:13 मिनट तक है। इस दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की पूजा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हर साल कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में धनतेरस के दिन सोना, चांदी और पीतल, तांबेके बर्तन के अलावा कुछ चीजों को खरीदना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई चीजों मेंतेरह गुना गु वृद्धि होती हैऔर जीवन में धन-वैभव की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि सुबह 10: 31 मिनट सेशुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 मिनट पर समाप्त होगी।

धन त्रियोदशी पर करें दीपदान

स्कन्द पुराण के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रियोदशी के प्रदोष काल में यमराज के निमित्त दीप और नैवेध समर्पित करने पर अपमृत्यु अथवा अकाल मौत का नाश होता है। यमदीप दान के लिए मिट्टी का एक बड़ा दीपक लेकर उसको स्वच्छ जल से धोने के बाद उसमें दो रूई की बत्तियां बनाकर (चौमुखा दीपक) उसे तिल के तेल से भर दें एवं उसमें कुछ काले तिल भी डाले। प्रदोष काल में तैयार किए गए दीपक का रोली, अक्षत एवं पुष्प से पूजन करें तत्पश्चात् घर के मुख्य द्वार पर गेहू अथवा खील की ढेरी बनाकर उसके ऊपर दीपक रखकर प्रार्थना करें।

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