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कब से शुरू हो रहा चातुर्मास? जानें इन चार महीनों में क्या करें और क्या नहीं

Chaturmas months: चातुर्मास की अवधि चार महीनों की होती है। इन चार महीनों में सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं और भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। जानें कब से शुरू होगा चातुर्मास-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 6 May 2025 04:17 PM
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कब से शुरू हो रहा चातुर्मास? जानें इन चार महीनों में क्या करें और क्या नहीं

Chaturmas 2025 Start Date: हिंदू धर्म में चातुर्मास का खास महत्व है। चातुर्मास का अर्थ चार महीनों से है। इन चार महीनों में जगत के पालनहार भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं और इस दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। श्रीहरि करीब चार महीनों के बाद देवउठनी एकादशी पर जागृत होते हैं। चातुर्मास के दौरान कुछ कार्यों को करना अत्यंत शुभ माना गया है, जबकि कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। जानें इस साल चातुर्मास कब से शुरू होगा-

चातुर्मास कब प्रारंभ होगा: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष क एकादशी से लेकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं यानी विश्राम करते हैं। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। इस साल चातुर्मास 06 जुलाई 2025, रविवार से प्रारंभ होगा और 1 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी पर चार्तुमास का समापन होगा।

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चातुर्मास में कौन-कौन से महीने आते हैं: चातुर्मास की अवधि चार महीनों की होती है जिसमे सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक मास आते हैं।

चातुर्मास में क्या करें और क्या नहीं:

1. चातुर्मास में भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते है, ऐसे में महादेव की विधिवत पूजा अत्यंत शुभ फलदायी मानी गई है।

2. चातुर्मास में विष्णु सहस्रनाम और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

3. जरूरतमंद व्यक्ति या गरीब को अन्न, वस्त्र व सामर्थ्यनुसार धन का दान करना शुभ होता है।

4. चातुर्मास में सगाई, मुंडन, नामकरण व गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों की मनाही होती है।

5. चातुर्मास के दौरान किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए और वाद-विवाद से दूरी रखनी चाहिए।

6. इस दौरान तामसिक भोजन के सेवन से बचना चाहिए।

7. किसी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

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इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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