Chhath 2025: 1 अप्रैल से शुरू चैती छठ, जानें कैसे होगा व्रत पारण
- Chaiti Chhath 2025: इस माह मनाए जाने वाले छठ की महत्ता कहीं अधिक है। चैत्र नवरात्र के मध्य में यह छठ पूजा मनायी जाती है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है।

Chaiti Chhath 2025: छठ का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक बार कार्तिक माह में तो दूसरी बार चैत्र माह में। इस माह मनाए जाने वाले छठ की महत्ता कहीं अधिक है। यह सबसे कठिन व्रत में एक है। चैत्र नवरात्रि के मध्य में यह छठ पूजा मनायी जाती है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है। मंगलवार को नहाय खाय के साथ इसकी शुरुआत हो रही है। पहले दिन छठव्रती चूल्हे पर आम की लकड़ी से अरवा चावल का भात, कद्दु की सब्जी व चना दाल बनाएंगे।
खरना कब: दूसरे दिन 2 अप्रैल बुधवार को संध्या में खरना होगा। इस दिन छठव्रती दिन भर निर्जला उपवास रहकर सूर्यास्त के बाद स्नान-ध्यान कर दूध-चावल का खीर बनाएंगी। व्रती अपने क्षेत्र व अपनी परंपरा के अनुसार कहीं चावल तो कहीं चावल और दूध से बने खीर का प्रसाद आम की लकड़ी से प्रज्वलित अग्नि पर बनेगी। इससे पूर्व अग्निदेव की पूजा की जाती है और छठी मईया का आह्वान होता है। इसी प्रसाद को ग्रहण करने के बाद व्रती का 36 घंटे का कठीन व्रत शुरु हो जाएगा।
तीसरा दिन: अनुष्ठान के तीसरे दिन तीन अप्रैल को छठव्रती निर्जला व्रत रखकर संध्या काल में अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य देंगे।
चौथा दिन: चौथे दिन 4 अप्रैल की सुबह जलाशयों, तालाबों व नदियों में उगते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद छठ महापर्व संपन्न हो जाएगा।
जानें कैसे होगा व्रत पारण: सूर्य मंदिर के पुजारी पंडित अमृत आनंद के अनुसार, उदीयमान भगवान सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। छठ व्रतियों को पूर्णाहुति पर ब्राहमण भोजन, अन्न, फल दानकर व्रत का पारण करना चाहिए। इससे छठव्रतियों को विशेष फल मिलता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।