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Bhaum Pradosh Vrat 2025:भौम प्रदोष क्यों रखा जाता है? जानें शुभ मुहूर्त और पूजाविधि

  • Bhaum Pradosh Vrat 2025 : हिंदू धर्म में हर माह में आने वाली त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन सुख-समृद्धि हेतु शिवजी की विधिवत पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के सभी दुखों का अंत होता है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 17 Feb 2025 04:20 PM
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Bhaum Pradosh Vrat 2025:भौम प्रदोष क्यों रखा जाता है? जानें शुभ मुहूर्त और पूजाविधि

Bhaum Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की पूजा करने से जातक को सभी दुख-कष्टों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। यह व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का रखा जाता है। मान्यता है कि त्रयोदशी का व्रत करने वाले जातकों को सौ गऊ दान के समान पुण्य फल की प्राप्त होती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष का त्रयोदशी प्रदोष व्रत 25 फरवरी 2025 दिन मंगलवार को रखा जाएगा। मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष कहा जाता है। कहा जाता है कि मंगल प्रदोष व्रत रखने से सभी रोग-दोषों से मुक्ति मिलती है और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है। आइए जानते हैं भौम प्रदोष व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और महत्व...

भौम प्रदोष व्रत 2025

द्रिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 25 फरवरी 2025 को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर होगी और अगले दिन 26 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष काल पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखकर 25 फरवरी 2025 को भौम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

भौम प्रदोष व्रत 2025: पूजा मुहूर्त

द्रिक पंचांग के अनुसार, 25 फरवरी 2025 को शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 49 मिनट तक प्रदोष काल पूजा का मुहूर्त रहेगा।

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भौम प्रदोष व्रत 2025: पूजाविधि

भौम प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। इसके बाद घर के मंदिर में शिव-परिवार की प्रतिमा के समक्ष दीपक प्रज्ज्वलित करें। शिवजी और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें। दिनभर फलाहार व्रत रखें। इसके बाद शाम को प्रदोष काल में पूजा की तैयारी करें। संभव हो, तो शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। शिवजी को आक के फूल, बेलपत्र, धतूरा,फल समेत सभी पूजा सामग्री अर्पित करें। इस दिन शाम को हनुमानजी की भी पूजा करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को कर्ज से मुक्ति मिलती है। भौम प्रदोष के दिन शिवजी के साथ हनुमानजी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे साधक के सभी दुखों का अंत होता है और जीवन में खुशियां आती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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