Ahoi Ashtami vrat:अगर पहली बार रख रही हैं अहोई अष्टमी का व्रत, तो जानें कैसे शुरू करना है पहला व्रत
Ahoi Ashtami puja and moonrise time होई अष्टमी आमतौर पर करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले मनाई जाती है। संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है। यह व्रत कार्तिक मास की अष्टमी को किया जाता है।
अहोई अष्टमी आमतौर पर करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले मनाई जाती है। संतान की लंबी आयु के लिए अहोई अष्टमी व्रत किया जाता है। यह व्रत कार्तिक मास की अष्टमी कोकिया जाता है। इस व्रत में शाम को कथा पढ़कर तारों को अर्घ्य दिया जाता है। पूरे दिन निर्जला रहकर व्रत किया जाता है। यह उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस साल अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर गुरुवार को है। यह व्रत खासतौर पर संतान के लिए रखा जाता है और पूरे दिन निर्जला रहकर व्रत खोला जाता है। इस दिन भक्त अहोई अष्टमी भगवती की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि वह देवी पार्वती का अवतार हैं। उनकी पूजा कर उनसे बच्चों के सलामती और लंबी उम्र की कामना करते हैं।
अगर पहली बार व्रत कर रही हैं, तो इस बात का रखें ध्यान
पहली बार अहोई अष्टमी व्रत कर रही हैं, तो इस बार आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा। संतान होने के बाद पहली बार व्रत करने पर मायके से अहोई अष्टमी का सामान आने की परंपरा है। इसमें आपके लिए करवे, बर्तन 7 या 11 जितने आप दे सकते हैं, दें। इसमें कुछ मीठा और पैसे रखे जाता हैं। इन्हें पूजा में रखें और पूजा के बाद परिवार के बड़ों को आशीर्वाद देकर दे दें। इसके अलावा सास के लिए साड़ी ब्लाउज और फल मिठाई भी दी जाती है। इस दिन चार पूड़ी सात जगह रख लें। इसके बाद हलवा और गुलगुले बनाए जाते हैं। इससे सास के लिए निकाल लें, जिसे बायना कहा जाता है। पूरी पूजा समाप्त होने के बाद सास के पैर छूकर बायना का सामान दे सकते हैं। इस दिन कोशिश करें कि चाकू से कोई चीज काटें न। इसके अलावा कई मिट्टी खोदने आदि का काम भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन चांदी की माला पहनी जाती है, जिसमें स्याऊ माता का लॉकेट होता है और चांदी के मनके होते हैं। इस माला को पहले व्रत से शुरू करते हैं और बच्चे की शादी तक हमेशा अहोई व्रत वाली दिन पूजा में शामिल करने के बाद पहनते हैं। अगर पहली बार व्रत रख रही हैं, तो माला जरूर ले आएं।
मुहूर्त
अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर, गुरुवार
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त शाम 5:42 बजे से शाम 6:59 बजे तक
सांझ (शाम) तारे दिखने का समय 6:06 बजे
अहोई अष्टमी पर चंद्रोदय रात्रि 11:55 बजे
अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर 2024 को सुबह 1:18 बजे शुरू होगी
अष्टमी तिथि 25 अक्टूबर 2024 को प्रातः 1:58 बजे समाप्त होगी
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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