Ahoi Ashtami Puja: अहोई की पूजा के लिए ये दो चीजें बहुत जरूरी, पहले से ही कर लें खरीददारी
- Ahoi Ashtamiअहोई अष्टमी के दिन निर्जला व्रत संतान की लंबी आयुके लिए रखा जाता है। इस साल यह व्रत 24 अक्टूबर को रखा जा रहा है। आइए जानें इस व्रत के लिए क्या-क्या जरूरी है।
Ahoi ashtami vrat 2024 puja अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की अष्टमी तिथि को मनाया जा रहा है। अहोई अष्टमी के दिन निर्जला व्रत संतान की लंबी आयुके लिए रखा जाता है। इस साल यह व्रत 24 अक्टूबर को रखा जा रहा है। आइए जानें इस व्रत के लिए कौन सी चीज जरूरी है। इस दिन अगर आप भी पूजा कर रही हैं, तो पहले ही पूजा के लिए सामान ले आएं। इस दिन पूजा के लिए सबसे जरूरी है चांदी की स्याऊ माता की माला, इसके अलावा करवे और सास को दिए जाना वाला बायना। इनके बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता है। इस दिन महिलाओं को चुड़ियां, काजल, लाल वस्त्र, सिंदूर, बिंदी आदि सास के बायने के लिए रखना चाहिए। इसके अलावा थाली में भोग के लिए गुलगुले, पूरी और हलवा होना चाहिए। वहीं सास को बायना देने के लिए साड़ी, शृंगार का सामान और प्रसाद दिया जाता है।
चांदी की माला का इस व्रत में खास महत्व है।इस माला के लिए मनके एक दिन पहले ही खरीद लें। और इस माला के बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। पूजा के बाद माला को धारण करना चाहिए। इस दिन पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और फिर शाम को व्रत खोला जाता है। व्रत का पारण तारों को देखकर किया जाता है। इसलिए पूजा के बाद करवे से तारों को अर्घ्य दें। करवे थाली में रखें। इसके अलावा पैठे को किसी को दान करना चाहिए।
अहोई अष्टमी की पूजा के लिए और क्या जरूरी है।
अहोई माता का चित्र
शृंगार का सामान जैसे – काजल, बिंदी, चूड़ी, लाल चुनरी आदि,
बायने में देने के लिए साड़ी, शृंगार का सामान और प्रसाद
करवे या कलश जल भरने के लिए
अहोई माता की पूजा के लिए चांदी की माला के मनके
गंगाजल, फूल, धूपबत्ती, दीपक, गाय का घी, रोली
कलावा
अक्षत
सूखा आटा (चौक के लिए)
गाय का दूध
पैठा
भोग लगाने के लिए -गुलगुले, हलवा और पूरी
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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