वॉट्सऐप से लेकर पन्ना प्रमुख तक BJP ने कैसे कांग्रेस, आप को पछाड़ा, जानें- गुजरात में चुनाव प्रचार की आक्रामक रणनीति
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री व बीजेपी के दिग्गज लीडर नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप नेता अरविंद केजरीवाल प्रचार में पूरी तरह से व्यस्त नजर आए, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के खेमे में शांति दिखी।
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण का मतदान सोमवार (05 दिसंबर) को होना है। इससे पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए सत्ताधारी भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है। अब तक की कैंपेनिंग को देखा जाए तो बीजेपी अन्य दलों पर बढ़त बनाती दिख रही है। सोशल मीडिया के जरिए वोटर्स को लुभाने की बात हो या फिर बूथ लेवल पर पकड़ मजबूत करने का सवाल हो... सत्ताधारी पार्टी दोनों मामलों में आगे नजर आती है।
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री व बीजेपी के दिग्गज लीडर नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप नेता अरविंद केजरीवाल अंतिम चरण के प्रचार में पूरी तरह से व्यस्त नजर आए, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के खेमे में शांति दिखी। हालांकि कांग्रेसी इसे 'low-key' कैंपेन बता रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भले ही उनकी पार्टी के चुनावी प्रचार का शोर सुनाई न दिया हो लेकिन मतदाता उसके साथ हैं। राज्य की जनता को कांग्रेस पर भरोसा है और नतीजों के दौरान यह दिखेगा।
मुस्लिम बहुल इलाके में भी जोर लगा रही भाजपा
65 वर्षीय जयेश भाई अहमदाबाद की दानिलिम्दा सीट पर बीजेपी के बूथ वर्कर हैं। वह पार्टी के संभावित मतदाताओं को रिस्ट बैंड बांट रहे हैं। इस काम में मतदाता सूची पर उनकी पूरी नजर रहती है। मालूम हो कि दानिलिम्दा एक मुस्लिम बहुल इलाका है और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। इसीलिए कांग्रेस को यहां बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है। हालांकि, बीजेपी भी इस बार यहां पूरा जोर लगा रही है।
वोटर लिस्ट के हिसाब से बनाए गए पन्ना प्रमुख
जयेश भाई का दावा है कि मतदाता सूची के प्रत्येक पृष्ठ पर 30 वोटर्स को टारगेट किया गया है और यह जिम्मेदारी पन्ना कमेटी को दी गई है। उन्होंने बताया, 'केवल मुस्लिम मतदाताओं वाली वोटर लिस्ट के कुछ पन्ने को छोड़कर हमारे पास हर पेज के लिए पन्ना प्रमुख हैं। हमारे पास प्रत्येक पन्ना समिति में 3,000 पन्ना प्रमुख और उनके अधीन 5 कार्यकर्ता हैं। इस तरह दानिलिम्दा में ही हमारे बूथ कार्यकर्ताओं की संख्या 14,000 है। इन कार्यकर्ताओं का काम घर-घर जाकर प्रचार करना और चुनाव के दिन मतदाताओं को उनके मतदान केंद्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना है।'
बीजेपी के 300 से अधिक वॉट्सऐप ग्रुप्स
सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस और आप की तुलना में भाजपा आगे नजर आती है। बीजेपी की ओर से जहां प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 300 से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप्स बनाए गए हैं, वहीं कांग्रेस और आप के पास ऐसे ऑनलाइन ग्रुप 20 ही हैं। इन व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर सैकड़ों भाजपा बूथ कार्यकर्ता नियमित रूप से कांग्रेस को निशाना बनाते हैं। साथ ही पाकिस्तान से लेकर सिख विरोधी दंगों तक से जुड़े कंटेंट खूब शेयर किए जाते हैं। कांग्रेस और आप की ओर से डिजिटल कैंपेन में भी इतनी आक्रामकता नजर नहीं आती है।
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