Himachal Pradesh Election Result 2022 Live Update: भाजपा से टिकट ना मिलने पर की थी बगावत, अब नालागढ़ से बन गए निर्दलीय विधायक
Himachal Pradesh Election Result: हिमाचल नालागढ़ सीट से अपनी किस्मत आजमाने निकले के.एल. ठाकुर को नालागढ़ की जनता ने स्वीकारा और राज्य के सदन में अपनी आवाज के रूप में उन्हें अपना प्रतिनिधि माना।
हिमाचल प्रदेश की नालागढ़ विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बागी व निर्दलीय उम्मीदवार के. एल. ठाकुर ने जीत हासिल की है। एक ओर जहां गुजरात में भारतीय जनता पार्टी गुजरात में इतिहास की सबसे बड़ी जीत ओर आगे बढ़ रही है वहीं हिमाचल में 26 सीटों पर सिमट कर रह सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के बागी हिमाचल में भाजपा की हार के बड़े कारणों में से एक हैं। नालागढ़ से निर्दलीय मैदान में ताल ठोकने वाले के.एल. ठाकुर ने जीत दर्ज कर ली है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी हरदीप सिंह बवा को 13,264 मतों के अंतर से हरा दिया है। अब वो नालागढ़ की जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे। के.एल. ठाकुर के साथ एक और भाजपा के बागी ने जीत दर्ज की है। एक कांग्रेस के बागी ने भी जीत दर्ज की है। कुल मिलाकर तीन बागियों ने हिमाचल विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है।
2012 में भाजपा से रह चुके हैं विधायक
भाजपा से टिकट ना मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में हिमाचल की नालागढ़ सीट से अपनी किस्मत आजमाने निकले के.एल. ठाकुर को नालागढ़ की जनता ने स्वीकारा और राज्य के सदन में अपनी आवाज के रूप में उन्हें अपना प्रतिनिधि माना। इससे पहले 2012 में वो भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं लेकिन 2017 में हुए चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था।
भाजपा से लखविंदर राणा थे मैदान में
हिमाचल की नालागढ़ विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने लखविंदर राणा को टिकट दिया था। लखविंदर राणा चुनाव से दो महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी में नए-नए शामिल हुए व्यक्ति को टिकट मिलने और के.एल. ठाकुर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था। जिसमें उन्हें सफलता मिली है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में अपने की विधायकों का टिकट काटा था। के.एल. ठाकुर भी उन्हीं में से एक थे।
एक बागी को बैठाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को करना पड़ा था फोन
भारतीय जनता पार्टी से टिकट ना मिलने पर भारतीय जनता पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने वाले कृपाल परमार को प्रधानमंत्री ने फोन कर चुनाव ना लड़ने को कहा था। जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि, अगर ये फोन मेरे नामांकन से पहले आया होता तो मैं निश्चित तौर पर ना खड़ा होता।
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