वो चार बड़ी वजहें जिसके चलते सुखविंदर सिंह सुक्खू बने कांग्रेस आलाकमान के भरोसेमंद

58 साल के सुखविंदर सिंह सुक्खू निचले हिमाचल इलाके के पहले नेता हैं जो सूबे के मुख्यमंत्री बने। सुक्खू को हिमाचल की राहुल और प्रियंका ब्रिगेड का नेता माना जाता है। सुक्खू आलाकमान के भरोसेमंद नेता हैं।

Devesh Mishra लाइव हिंदुस्तान, शिमलाSun, 11 Dec 2022 05:02 PM
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सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सुक्खू ने बतौर छात्र नेता अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की थी। वो कांग्रेस के उन नेताओं में शुमार हैं जिन्हें जमीनी स्तर का राजनेता कहा जाता है। 58 साल के सुखविंदर सिंह सुक्खू निचले हिमाचल इलाके के पहले नेता हैं जो सूबे के मुख्यमंत्री बने। सुक्खू को हिमाचल की राहुल और प्रियंका ब्रिगेड का नेता माना जाता है। सुक्खू दोनों नेताओं के भरोसेमंद बताए जाते हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि जब वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह सीएम पद को लेकर दावेदारी ठोंक रही थीं तब सुक्खू शांत नजर आए और आलाकमान पर ही भरोसा जताने की बात कही। कांग्रेस आलाकमान ने भी सुक्खू पर भरोसा जताया और उन्हें हिमाचल का सीएम बनाया। आइए जानते हैं वो चार वजहें जिससे कांग्रेस आलाकमान ने सुक्खू पर भरोसा जताया।

सुखविंदर सिंह सुक्खू और वीरभद्र सिंह के रिश्ते
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में वीरभद्र सिंह का 50 साल से अधिक समय तक दबदबा रहा। सिंह का पिछले साल निधन हो गया। वीरभद्र सिंह की करिश्माई मौजूदगी के बगैर हिमाचल में जीत दर्ज कराने के पीछे सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अहम भूमिका निभाई। सुक्खू को वीरभद्र सिंह का आलोचक माना जाता था। पार्टी के लिए लगातार काम कर रहे सुक्खू कभी सीएम की दावेदारी नहीं ठोंके। वो लगातार पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते रहे।

जमीनी स्तर के नेता
सुक्खू एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता बस ड्राइवर थे। सुक्खू अपने शुरुआती दिनों में दूध बेचने का काम किया करते थे। 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के साथ अकसर टकराव होने के बावजूद सुक्खू 2013 से 2019 तक रिकॉर्ड 6 साल तक पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बने रहे। निचले हिमाचल से आने वाले सुक्खू हिमाचल के जमीनी नेता के तौर पर मकबूलियत पाते गए।

राहुल-प्रियंका के खास
सुक्खू को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का खास माना जाता है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान का सुक्खू पर विश्वास तभी जाहिर हो गया था जब उन्हें कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और बड़ी संख्या में उनके समर्थकों को पार्टी का टिकट मिला था।

राजनीतिक महारथ
सुक्खू कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की राज्य इकाई के महासचिव थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी की थी। जमीनी स्तर पर काम करते हुए वह दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद चुने गए थे। उन्होंने 2003 में नादौन से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और 2007 में सीट बरकरार रखी लेकिन 2012 में वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2017 और 2022 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की। सुक्खू के राजनीतिक अनुभव के चलते आलाकमान का भरोसा उन पर बढ़ता चला गया।

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