Hindi Newsविधानसभा चुनाव न्यूज़हिमाचल प्रदेश चुनाव 2022BJP Congress or AAP tension will give more seats won by less margin Himachal Pradesh counting of votes 08 december

कम अंतर से जीतीं ज्यादा सीटें देंगी भाजपा-कांग्रेस या AAP काे टेंशन? हिमाचल प्रदेश में मतगणना से पहले समीकरण

हिमाचल प्रदेश में वोटिंग के बाद कल 08 दिसंबर को मतगणना होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा वोटों की काउंटिंग की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। भाजपा, कांग्रेस, आप प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हैं।

Himanshu Kumar Lall शिमला, लाइव हिन्दुस्तान, Wed, 7 Dec 2022 08:55 PM
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Himachal Pradesh Assembly Election: हिमाचल प्रदेश में वोटिंग के बाद कल यानि 08 दिसंबर को मतगणना होगी। निर्वाचन आयोग द्वारा वोटों की काउंटिंग की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। काउंटिंग से पहले ही भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी-आप सहित क्षेत्रीय दलों के प्रत्याशियों के धड़कनें भी तेज हो गईं है।

68 विधानसभा सीटों वाली हिमाचल प्रदेश में कई समीकरण बनते हुए नजर आ रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कम अंतर से जीतीं गईं सीटें हिमाचल का भविष्य तय करेगी। इसी को देखते भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल जोड़-तोड़ करने में जुटे हुए हैं।  

2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो सत्तारूढ़ भाजपा को 48.79 फीसदी वोट मिले थे, जो कि कांग्रेस से महज 7.11 प्रतिशत वोट अधिक थे। कांग्रेस का वोटिंग प्रतिशत 41.68 दर्ज किया गया था।  भाजपा को कुल 1,846,432 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 1,577,450 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा था।

भले ही दोनों ही राजनीतिक पार्टियों के बीच का मत प्रतिशत ज्यादा नहीं रहा था, लेकिन फिर भी कांग्रेस महज 21 सीटों में सिमट गई थी, जबकि भाजपा ने 44 विधानसभा सीटें जीतकर हिमाचल में सरकार बनाई थी। लेकिन, हैरानी वाली बात कि कांग्रेस, ने भाजपा प्रत्याशियों को कुछ विधानसभा सीटों पर भारी मतों से मात दी थी।  

2022 के विधानसभा चुनाव में परिणाम को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां हर एंगल पर विचार करने में जुटी हुईं हैं, ताकि हिमाचल में सरकार बनाई जा सके। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि किसी प्रत्याशियों के बीच हार-जीत के अंदर का मतलब यह नहीं होता है कि जीतने वाली पार्टी की ही सरकार बनेगी, क्योंकि सरकार बनाने के लिए बहुमत जरूरी होता है। 

इन 5 सीटों पर 1 हजार से भी कम हार-जीत का अंतर
2017 के विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर प्रत्याशियों के बीच हार-जीत का अंतर 1 हजार वोटों से भी कम था।  डलहोजी, बरसर, सोलन, कसौली, और किन्नौर सीटों में यह अंतर देखने को मिला था। किन्नौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जगत सिंह नेगी ने भाजपा प्रत्याशी तेजवंत सिंह नेगी को महज 120 वोटों से मात दी थी। जबकि, कसौली विधानसभा सीट में भाजपा प्रत्याशी राजीव ने कांग्रेस पार्टी पर टिकट लड़ रहे विनोद सुल्तानपुरी को 442 को हराया था।

इन सीटों पर 10 हजार वोटों से ज्यादा जीते थे प्रत्याशी
68 सीटों वाली विधानसभा में हार-जीत का अंतर 10 हजार वोटों से भी अधिक दर्ज किया गया था। 10 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को भारी मतों से पराजित किया गया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में जयसिंहपुर,सुल्लाह, बैजनाथ, नाचन, सीराज, धर्मपुर, मंडी, बाल्ह, गुमारविन, और पौंटा साहिब विधानसभा सीटों में 10 हजार से ज्यादा वोटों का अंतर था। सबसे ज्यादा मार्जिन से चुनाव जीतने वाले नाचन विधानसभा सीट से भाजपा के विनोद कुमार थे। इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी लाल सिंह कौशल को 15, 896 वोटों से मात दी थी। 

भाजपा-कांग्रेस की बागियों पर कड़ी नजर
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में जहां भाजपा एक बार फिर जीत का दावा करते हुए दोबारा सरकार बनाने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस भी सत्ता में वापसी करने का दावा ठोक चुकी है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की ‘आप’ ने भी जीत का दावा करते हुए जमकर प्रचार-प्रसार किया था।

राजनीतिक जानकारों की बात मानें तो कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। लेकिन, मतदान के बाद अब समीकरण कुछ बदलते हए दिखाई दे रहे हैं। भाजपा, और कांग्रेस बागियों को मनाने के लिए जुटी हुई है। कम हार-जीत वाली सीटों पर भी दलों की नजर है।

सूत्र बताते हैं कि सरकार बनाने को भाजपा, और कांग्रेस ने बागियों पर नजर बनाई हुई है। भाजपा सूत्रों की बात मानें तो पार्टी हाईकमान का निर्देश है कि बागियों के बीच की दूरी को कम किया जाए। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि कोई भी पार्टी नहीं चाहती है कि बागियों के साथ किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन के साथ हिमालच प्रदेश में सरकार बना जाए।

जबकि, मुख्यमंत्री चेहरा का नाम घोषित नहीं होना कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस सूत्रों  की बात मानें तो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी  सहित प्रदेश संगठन के बाद ही मुख्यमंत्री चेहरा का नाम घोषित होगा।

 

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