गुजरात में भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई में ‘आप’ की मौजूदगी बन रही बड़ी चुनौती, ऐसे बदले समीकरण
गुजरात में आज दूसरा चरण के चुनाव के तहत 93 सीटों पर मतदान होना है, वहां 2017 में कांग्रेस सिर्फ 12 सीटों पर पीछे थी, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की मौजूदगी से समीकरण बदल गए हैं।
गुजरात में दूसरा चरण तय करेगा कि किसकी सरकार बनेगी और कितना बड़ा अंतर होगा। इस दौर में जिन 93 सीटों पर मतदान होना है, वहां 2017 में कांग्रेस सिर्फ 12 सीटों पर पीछे थी, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की मौजूदगी से समीकरण बदले हैं। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी चार सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। ऐसे में मुकाबला दिलचस्प दिख रहा है। खास बात यहां का मतदान पैटर्न है। यहां हर बार पहले चरण से ज्यादा मतदान होता आया है।
मोदी-शाह का क्षेत्र भी : यह चरण इसलिए भी खास है क्योंकि इसी इलाके से प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी आते हैं। एक बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा से लगने वाली सीटों का भी है, जिसमें आदिवासी बहुल पंचमहल भी है। इन क्षेत्रों में गुजरात की राजधानी गांधीनगर, अहमदाबाद, वडोदरा और दूध उत्पादन के लिए विश्व प्रसिद्ध आणंद भी शामिल है। पहले चरण के मुकाबले यहां अक्सर ज्यादा वोटिंग होती रही है। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिकॉर्ड मतदान की बात कही है, ऐसे में यहां काफी फेरबदल देखने को मिल सकता है। भाजपा के लिए यह चरण प्रतिष्ठा के साथ अपनी चुनावी बढ़त को मजबूत करने के लिए भी अहम होगा। खासकर उत्तर गुजरात जहां पिछली बार वह कांग्रेस से पिछड़ गई थी। कांग्रेस के लिए यह चरण अहम है।
दिग्गजों की अग्निपरीक्षा : इस चरण में मुख्यमंत्री और अन्य आठ मंत्री मैदान में हैं जिसमें स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल, जगदीश विश्वकर्मा, मनीषा वकील, अर्जुन चौहाण शामिल हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिज्ञेश मेवाणी की किस्मत का भी इसी चरण में फैसला होना है।
किसकी क्या रणनीति
भाजपा : रिकॉर्ड जीत दर्ज कर अपने गढ़ को और मजबूत करना चाहेगी। तकरीबन आधी सीटें इस चरण में शहरी इलाकों की हैं, ऐसे में पार्टी पूरी ताकत झोंक रही। पीएम मोदी और अमित शाह का गृह नगर भी इसी चरण में है।
कांग्रेस : उत्तर गुजरात पर पकड़ बरकरार रखना चाहेगी, इसी की बदौलत पिछले चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। यह इलाके राजस्थान की सीमा से लगते हैं इसलिए सीएम अशोक गहलोत भी अपनी छाप छोड़ना चाहेंगे।
आम आदमी पार्टी : 'आप' सभी 93 सीट पर चुनाव लड़ रही। विशेषज्ञों के मुताबिक, कई सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। यहां पार्टी की कोशिश ज्यादा से ज्यादा मत हासिल करने की होगी।
भाजपा जीती तो रिकॉर्ड बनेगा
गुजरात का ये चुनाव भाजपा के लिए बड़ा मौका लेकर आया है। भाजपा अगर इस बार जीतती है तो वह लगातार सात विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाएगी और सीपीआईएम के उस रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगी जहां पर लेफ्ट ने बंगाल पर लगातार 34 साल तक राज किया था।
पहले चरण में कम वोटिंग
प्रदेश में पहले चरण की 89 सीटों पर कुल 63.31 फीसदी मतदान हुआ है। यह आंकड़ा 2017 में हुए चुनाव से करीब चार फीसदी कम रहा। इतना ही नहीं इस बार 10 साल की सबसे कम वोटिंग हुई है।
19 आरक्षित सीटों पर वोटिंग
उत्तर और मध्य गुजरात की जिन 93 सीट पर मतदान होगा उनमें 74 सामान्य तो छह अनुसूचित जाति और 13 सीटें अनुसूचित जनजाति की हैं। कुल 2.51 करोड़ मतदाताओं में से 1.22 करोड़ महिलाएं हैं। 18 से 19 वर्ष के 5.96 लाख मतदाता हैं। 90 वर्ष अधिक उम्र के 5400 मतदाता हैं।
दूसरा चरण 14 जिले 93 सीटें
भाजपा 51
कांग्रेस 39
उत्तर गुजरात (2017)
06 जिले 32 सीटें
भाजपा 14
कांग्रेस 17
मध्य गुजरात
08 जिले 61 सीटें
भाजपा 37
कांग्रेस 22
मत प्रतिशत 2017
08 जिले 61 सीटें
भाजपा 49
कांग्रेस 41
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