पटना के गांधी मैदान से नहीं होगा इस बार चुनावी शंखनाद, JDU की हुई थी अंतिम रैली, उसके बाद लग गया था प्रतिबंध
महात्मा गांधी, मोहम्मद अली जिन्ना, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, जवाहरलाल नेहरू जैसे देश के कद्दावर नेताओं का गवाह पटना का गांधी मैदान इस बार चुनावी शंखनाद के बाद भी रैली और सभाओं से अछूता...
महात्मा गांधी, मोहम्मद अली जिन्ना, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, जवाहरलाल नेहरू जैसे देश के कद्दावर नेताओं का गवाह पटना का गांधी मैदान इस बार चुनावी शंखनाद के बाद भी रैली और सभाओं से अछूता रहेगा।
चुनाव में राजनीतिक पार्टियां अक्सर गांधी मैदान को ही प्राथमिकता के तौर पर रैली के लिए चयनित करती हैं। इसके कई कारण हैं। एक तो यह इलाका काफी बड़ा है। साथ ही वाहनों की पार्किंग की भी सुविधा मिल जाती है। इसीलिए राजनीतिक कार्यक्रम के लिए गांधी मैदान को चुनने के लिए राजनीतिक पार्टियों में अक्सर होड़ लगी रहती है। 15 फरवरी 2013 को गांधी मैदान में 70 फुट की महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई।
27 फरवरी से 1 मार्च तक थी बुकिंग
इस वर्ष गांधी मैदान में अंतिम रैली जदयू की हुई थी। जदयू ने गांधी मैदान को रैली के लिए 27 फरवरी से 1 मार्च तक बुकिंग कराई थी। इसके बाद कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम गांधी मैदान में नहीं हुआ है। इससे पहले 26 और 27 फरवरी को सीपीआई की रैली आयोजित की गई थी, जिसमें मुख्य वक्ता कन्हैया कुमार थे। बिहार विधानसभा चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियां गांधी मैदान को रैली के रूप में इस्तेमाल कर सकती थी लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है।
नरेंद्र मोदी की रैली के समय हुई घटना के बाद बदली तस्वीर
7 अक्टूबर 2013 को भाजपा की गांधी मैदान में रैली आयोजित की गई थी। इस रैली में मुख्य वक्ता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। रैली के दौरान ही गांधी मैदान में बम विस्फोट हुए, जिनमें 8 लोगों की मौत हो गई थी तथा 66 लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद गांधी मैदान की सुरक्षा को लेकर कई बार बैठक की गई। इसके बाद 2016 में रावण दहन कार्यक्रम के दौरान भगदड़ से कई लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद गांधी मैदान का संचालन श्री कृष्ण स्मारक विकास समिति को सौंप दिया गया। इसके चेयरमैन प्रमंडलीय आयुक्त और मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पटना के डीएम हैं।
62 एकड़ में फैला है गांधी मैदान
पटना का गांधी मैदान 62.5 एकड़ में फैला हुआ है। मैदान की बुकिंग तीन क्षेत्रों में की जाती है। पहला व्यावसायिक जिसका 1 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से बुकिंग होती है। बुकिंग करने वाले लोगों को एक लाख जमानत की राशि देनी होती है। दूसरे गैर व्यावसायिक कार्य के लिए, जिसकी बुकिंग 15 पैसा प्रति वर्ग फुट के हिसाब से की जाती है। इसके लिए 15 हजार रुपये जमानत की राशि देनी होती है। तीसरी, राजनीतिक बुकिंग इसके लिए पूरे गांधी मैदान के लिए 40 हजार रुपये और आधे मैदान के लिए 20 हजार रुपये देना होता है। इसके लिए राजनीतिक पार्टियों को क्रमशः 20 हजार और 10 हजार जमानत राशि देनी होती है। इसी प्रकार धार्मिक आयोजन के लिए 30 हजार रुपये देने होते हैं।
ये हैं गांधी मैदान में सुविधाएं
- गांधी मैदान में कुल 13 गेट हैं, जिनमें मुख्य चार गेट बनाए गए हैं
- 2 पुरुष तथा 1 महिला जिम है, कराटे प्रशिक्षण केंद्र भी है
- योग प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया गया है
- गेट नंबर एक पर कंट्रोल रूम
- गांधी मैदान की निगरानी रखने के लिए 32 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं
- हाल ही में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत मेगा स्क्रीन ओपन थिएटर का शुभारंभ किया गया है
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