'राज्यपाल आनंद बोस ने वोट मांगने के लिए पहना भाजपा का बिल्ला', चुनाव आयोग पहुंची तृणमूल कांग्रेस
TMC ने निर्वाचन आयुक्त को दी अपनी शिकायत में दावा किया कि राज्यपाल कोलकाता के राम मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे, जहां उन्हें भाजपा के चिह्न वाला बिल्ला लगाए हुए देखा गया।

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ चुनाव आयोग (ईसीआई) में शिकायत दर्ज कराई है। बंगाल की सत्ताधारी पार्टी का आरोप है कि राज्यपाल बोस लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए प्रचार करने के वास्ते "अपने अच्छे पद का इस्तेमाल" कर रहे हैं।
टीएमसी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को दी अपनी शिकायत में दावा किया कि राज्यपाल कोलकाता के राम मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे, जहां उन्हें भाजपा के चिह्न वाला बिल्ला लगाए हुए देखा गया। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने चुनाव आयोग से बंगाल के राज्यपाल के खिलाफ उचित कार्रवाई करने और उन्हें चुनाव प्रक्रिया में "हस्तक्षेप" करने से रोकने का आग्रह किया।
टीएमसी ने अपनी शिकायत में कहा, ''हम आपके ध्यान में लाना चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस अपने पद का इस्तेमाल करते हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं।'' पार्टी ने आरोप लगाया, ''23 जनवरी 2024 को राज्यपाल कोलकाता के सेंट्रल एवेन्यू स्थित राम मंदिर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के मकसद से पार्टी के चिन्ह वाला बिल्ला लगाए हुए दिखाई दिये।''
टीएमसी ने कहा, '' राज्यपाल का आचरण न सिर्फ अलोकतांत्रिक है बल्कि उनके पद से जुड़े संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है। साथ ही यह राज्य में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों में बाधा पैदा करता है।'' टीएमसी ने चिन्हित किया कि अतीत में भी भारत निर्वाचन आयोग ने उन राज्यापलों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने राजनीतिक दलों के प्रचार के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया था।
पार्टी ने कहा, ''उदाहरण के लिए 1993 में हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल गुलशेर अहमद पर अपने बेटे के चुनाव प्रचार के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने के लिए आयोग ने कार्रवाई की थी। आयोग की कार्रवाई के तुरंत बाद अहमद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।'' टीएमसी की शिकायत के मुताबिक, ''हाल ही में 2019 में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने टिप्पणी की थी कि नरेन्द्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री चुना जाना चाहिए, जिस पर आयोग ने राष्ट्रपति से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की थी और राज्यपाल के खिलाफ उचित कार्रवाई का अनुरोध किया था।''
टीएमसी ने कहा कि राज्यपाल, राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त व्यक्ति होता है और उससे केन्द्र सरकार की राजनीतिक विचारधारा या राजनीतिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करने की अपेक्षा नहीं की जाती। पार्टी ने आयोग से राज्यपाल के खिलाफ उचित कार्रवाई करने और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से रोकने का आग्रह किया।
(इनपुट एजेंसी)
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।