यह हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन, TMC ने भाजपा और चुनाव आयोग को भेजा अवमानना नोटिस
इससे पहले न्यायमूर्ति भट्टाचार्य की पीठ ने 20 मई को भाजपा को अगले आदेश तक उस विज्ञापन को प्रकाशित करने से रोक दिया था, क्योंकि माना गया था कि वो विज्ञापन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भाजपा द्वारा प्रकाशित एक विज्ञापन पर भाजपा और चुनाव आयोग (ईसीआई) को अवमानना नोटिस भेजा है। बंगाल की सत्ताधारी पार्टी ने अपने नोटिस में कहा है कि विज्ञापन ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है। 20 मई को, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भाजपा को 4 जून (मतगणना तिथि) और अगले आदेश तक टीएमसी के बारे में अपमानजनक विज्ञापन प्रकाशित करने से रोक दिया था।
उच्च न्यायालय ने भाजपा को निर्देश दिया था कि वह तृणमूल कांग्रेस को निशाना बनाने वाले किसी भी तरह के अपमानजनक विज्ञापन प्रकाशित नहीं करे। इसके बाद भाजपा ने उच्च न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने भी भाजपा की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। टीएमसी की ओर से वकील सोहम दत्ता ने नोटिस में कहा कि सिंगल पीठ के किसी भी आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई गई थी। इसके बावजूद बीजेपी ने मंगलवार को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ऐसा विज्ञापन प्रकाशित किया।
इसके बाद उन्होंने भाजपा से पश्चिम बंगाल को समर्पित भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल से "जानबूझकर और अवमाननापूर्ण पोस्ट" को वापस लेने के लिए कहा। उन्होंने एक्स पर तत्काल स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा कि मंगलवार को प्रकाशित विज्ञापन "झूठा, असत्यापित और अपमानजनक" था। उन्होंने कहा कि यह स्पष्टीकरण यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है ताकि मतदाता 2024 में आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा लगाए गए फर्जी आरोपों से अनुचित रूप से प्रभावित न हों।
उन्होंने कहा कि टीएमसी को पोस्ट के लिए पश्चिम बंगाल को समर्पित भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल के माध्यम से तत्काल, बिना शर्त माफी जारी की जानी चाहिए। इस पोस्ट ने 20 मई के उच्च न्यायालय के आदेश का "सीधे उल्लंघन" किया। दत्ता ने ईसीआई से भी यह अपील की है कि वह एक्स के माध्यम से किए गए पोस्ट को "तत्काल बंद करने और वापस लेने" के लिए भाजपा के खिलाफ उचित निर्देश जारी करें।
इससे पहले न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने 20 मई को भाजपा को अगले आदेश तक उस विज्ञापन को प्रकाशित करने से रोक दिया था, क्योंकि माना गया था कि वो विज्ञापन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं। उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी को निशाना बनाने वाले भाजपा के विज्ञापनों के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस द्वारा दायर शिकायतों का समाधान करने में "पूरी तरह विफल" होने पर चुनाव आयोग की खिंचाई की थी। तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को ऐसे विज्ञापन प्रकाशित करने से रोकने के लिए उच्च न्यायालय में एक दायर याचिका की थी। याचिका में ममता बनर्जी की नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ कुछ समाचार पत्रों में भाजपा द्वारा प्रकाशित कुछ विज्ञापनों पर आपत्ति जताई गई थी।
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