Hindi Newsपश्चिम बंगाल न्यूज़TET Teacher Eligibility Test held in West Bengal after 5 years amid probe into bribe-for-job scam

'नौकरी के बदले घूस' घोटाले की जांच के बीच बंगाल में 5 साल बाद हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा, फिर मचा बवाल

राज्य सरकार ने दोपहर 12 बजे परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद और पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी।

Amit Kumar एचटी संवाददाता, कोलकाताMon, 12 Dec 2022 10:58 AM
share Share

पश्चिम बंगाल में प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पांच साल बाद रविवार दोपहर आयोजित की गई। इसमें लगभग 7,00,000 उम्मीदवार कड़ी सुरक्षा के बीच पूरे बंगाल में 1460 केंद्रों पर उपस्थित हुए। यह परीक्षा 'नौकरी के बदले घूस' घोटाले की जांच के बीच आयोजित की गई है। बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2017 में आयोजित आखिरी टीईटी के नतीजों की जांच की जा रही है। 

राज्य सरकार ने दोपहर 12 बजे परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद और पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों के अंदर बैग, फोन और स्मार्ट घड़ियां ले जाने की अनुमति नहीं थी। परीक्षा शुरू होने के तुरंत बाद, शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने के लिए व्हाट्सएप पर फर्जी प्रश्नपत्र और उत्तर प्रसारित किए। उन्होंने कहा, ''पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है। विपक्षी दलों ने परीक्षा में खलल डालने की कोशिश की। यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन परीक्षा बिना किसी अड़चन के आयोजित की गई।"

शनिवार को बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि कई उम्मीदवारों को फोन आ रहे हैं और वे 5 लाख रुपये में प्रश्न पत्र की पेशकश कर रहे हैं। इन आरोपों पर बसु ने कहा कि बंगाल के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अधिकारी को कथित कॉल करने वालों के फोन नंबर पुलिस को मुहैया कराने चाहिए थे। प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल ने भी शनिवार को मीडिया को बताया कि अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कुछ लोग गड़बड़ी कर सकते हैं। पाल ने परीक्षा से 24 घंटे पहले कहा, "मुझे कई टेक्स्ट संदेश मिले हैं जो इस तरह का संकेत देते हैं।"

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक और प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ स्कूल भर्ती घोटाले में चार्जशीट दायर करने के चार दिन बाद टीईटी परीक्षा आयोजित की गई। चार्जशीट में उनकी पत्नी और बेटे का भी नाम है। भट्टाचार्य को ईडी ने 11 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। तीनों अब न्यायिक हिरासत में हैं।

मई में, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीबीआई को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्डों द्वारा कुछ सौ गैर-शिक्षण कर्मचारियों (ग्रुप सी और डी) और शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच करने का आदेश दिया था। चयन परीक्षाओं में असफल होने के बाद नौकरी पाने के लिए नियुक्तियों ने कथित तौर पर 5-15 लाख रुपये की रिश्वत दी गई। ईडी ने भी समानांतर जांच शुरू की थी। यह घोटाला 2014 से 2021 के बीच हुआ था जब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। 

ईडी ने 19 सितंबर को दायर अपनी पहली चार्जशीट में कहा था कि सिर्फ चटर्जी ही नहीं बल्कि उनके दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य भी नकली कंपनियां चलाने में शामिल थे, जिनके जरिए कोलकाता और जिलों में संपत्तियां खरीदी जाती थीं। पहले आरोप पत्र में कहा गया है कि ईडी ने पूर्व मंत्री और अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी 103.10 करोड़ रुपये की नकदी, आभूषण और अचल संपत्ति का पता लगाया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें