बंगाल में 59000 लोगों की नौकरियां और जाएंगी, भाजपा विधायक की भविष्यवाणी; विवाद शुरू
उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य-स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलटीएस) की भर्ती प्रक्रिया को इस सप्ताह की शुरुआत में निष्प्रभावी घोषित किया था।
पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अमरनाथ सखा ने गुरुवार को यह कहकर बखेड़ा खड़ा कर दिया कि 59,000 और लोग अपनी नौकरी खो देंगे। उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विद्यालयों में राज्य स्तरीय चयन परीक्षा-2016 की भर्ती प्रक्रिया के जरिए हुई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। कुल 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को न्यायालय के एक आदेश में रद्द कर दिया गया था।
बांकुरा के ओंदा से भाजपा विधायक ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के लोकसभा अभियान के दौरान कहा, "आपने कुछ दिन पहले 26,000 लोगों को नौकरियां खोते देखा है। आप 30 तारीख को और 59,000 लोगों को नौकरियां खोते हुए देखेंगे।" हालांकि विधायक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनका मतलब 30 अप्रैल से था या किसी और महीने की 30 तारीख से। लेकिन उनकी टिप्पणी से विवाद पैदा हो गया है। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने भी पिछले शनिवार को इसी तरह की भविष्यवाणी की थी। सुवेंदु अधिकारी ने मालदा जिले में मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा, "अगले सप्ताह की शुरुआत में, बंगाल में एक बड़ा बम फटेगा और यह टीएमसी को हिलाकर रख देगा।"
सोमवार को, कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य शिक्षा विभाग से जुड़े 'नौकरी के बदले रिश्वत घोटाला' मामले की सुनवाई करते हुए माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण नौकरियों के लिए 2016 में हुई 25,753 लोगों की नियुक्ति रद्द कर दी थी। कोर्ट ने राज्य को लोकसभा चुनाव के बाद नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। अदालत ने 2016 के पूरे पैनल को रद्द कर दिया था, इसलिए नौकरी खोने वालों में माध्यमिक (कक्षा 9 और 10) और उच्च माध्यमिक (कक्षा 11 और 12) शिक्षकों के साथ-साथ समूह सी और समूह डी कर्मचारी भी शामिल हैं। इस आदेश को बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
कथित घोटाले के कई पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील फिरदौस शमीम ने कहा, "मुझे नहीं पता कि अमरनाथ सखा ने किस संदर्भ में टिप्पणी की, लेकिन मुझे पता है कि प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता से संबंधित एक मामला 30 अप्रैल को उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा।”
कथित घोटाले की जांच 2022 से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है। यह बंगाल में लोकसभा चुनावों में प्रमुख मुद्दों में से एक है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार के फैसले को "अवैध" बताया और कहा कि अदालतें भाजपा द्वारा चलाई जा रही हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 25,000 से अधिक स्कूली नौकरियों को निरस्त किये जाने को बृहस्पतिवार को ‘पूरी तरह अन्याय’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों को मतदान ड्यूटी में तैनात करने से रोकने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिश है।
बनर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतने शिक्षकों को नौकरी से निकालने के बाद स्कूल कैसे काम कर सकते हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य-स्तरीय चयन परीक्षा-2016 (एसएलटीएस) की भर्ती प्रक्रिया को इस सप्ताह की शुरुआत में निष्प्रभावी घोषित किया था और इसके माध्यम से की गई सभी भर्तियों को निरस्त करने का आदेश दिया था।
बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर किसी ने गलती की है तो उसे सुधारा जा सकता है, लेकिन 25,000 नौकरियां छीन लेना पूरी तरह अन्याय है। अगर इतने सारे शिक्षक नौकरी पर नहीं रहेंगे तो स्कूलों में कैसे काम होगा।’’
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।