अकेला नहीं था संजय, अभी नहीं मिला पूरा न्याय; डॉक्टर बेटी को खोने वाली मां का छलका दर्द
- आरजी अस्पताल में दरिंदगी की शिकार हुई डॉक्टर की मां का कहना है कि इस अपराध में सजय रॉय अकेला नहीं था। इसलिए बाकियों को भी जब तक सजा नहीं मिलती, न्याय पूरा नहीं होगा।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी करार दिया है। वहीं मृतक डॉक्टर की मां ने कहा है कि इस अपराध में संजय राय अकेला नहीं था इसलिए बाकी आरोपियों की भी गरिफ्तारी होनी चाहिए और उन्हें कड़ी सजा मिलना चाहिए। पीड़िता की मां ने कहा, बायोलॉजिकल सबूतों से साबित हो गया कि संजय दोषी है। सुनवाई के दौरान वह शांत खड़ा था। इससे भी पता चलता है कि वह मेरी बेटी का दोषी है। लेकिन वह अकेला नहीं था। बाकी लोगों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसलिए अभी पूरा न्याय नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि वह न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगी। उन्होंने कहा, अभी केस खत्म नहीं हुआ है। बेटी की हत्या में शामिल सबकी गिरफ्तारी और सजा मिलने के बाद ही यह केस पूरा होगा। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं। जब तक सभी आरोपी पकड़े नहीं जाते और उन्हें सजा नहीं मिलती, हम चैन से सो नहीं पाएंगे।
बता दें कि सियालदह कोर्ट सोमवार को संजय राय को सजा सुनाएगी। यह फैसला पिछले साल नवंबर में बंद कमरे में शुरू हुई सुनवाई के लगभग दो महीने बाद और नौ अगस्त 2024 को घटित इस जघन्य अपराध के 162 दिन बाद सुनाया गया। बता दें कि पुलिस ने 10 अगस्त को राय को गिरफ्तार किया था। उसे आजीवन कारावास या फिर फांसी की सजा हो सकती है।
जस्टिस अनिर्बान दास ने दोषसिद्धि का आदेश सुनाते हुए कहा कि रॉय सुबह करीब चार बजे अस्पताल में दाखिल हुआ और ड्यूटी पर मौजूद प्रशिक्षु चिकित्सक पर उस वक्त हमला किया, जब वह अस्पताल के सेमिनार रूम में सो रही थी।उन्होंने कहा, ‘तुमने चिकित्सक पर यौन हमला किया। तुमने उसका गला घोंटा और उसका चेहरा ढक दिया और इस हमले के कारण आखिरकार उसकी मौत हो गई।’
जस्टिस दास ने कहा, ‘गवाहों के बयानों और इस मामले में पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर तुम्हारा अपराध साबित हो गया है और तुम्हें दोषी ठहराया जा रहा है।’ जज ने कहा कि 160 से अधिक पृष्ठों का फैसला सोमवार को सजा सुनाए जाने के बाद पूरा हो जाएगा और इसमें शिकायतकर्ता, पीड़िता के पिता द्वारा उठाए गए कुछ सवालों का भी स्पष्ट रूप से जवाब दिया जाएगा।
रॉय ने अपने बचाव में कहा, ‘मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं और अगर मैंने अपराध किया होता, तो वह टूट जाती।’ फैसले के बाद रॉय को कड़ी निगरानी में अदालत कक्ष से प्रेसीडेंसी सुधार गृह ले जाया गया और पुलिस ने वहां प्रतीक्षा कर रहे मीडियाकर्मियों को दोषी से किसी भी तरह की बातचीत करने से रोक दिया।
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