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पहले न्याय, फिर चाय; बारिश में भीगते डॉक्टरों ने क्यों ठुकरा दी ममता बनर्जी की खातिरदारी

  • शनिवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करने गए थे। वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग ना मानने के बाद डॉक्टर खाली हाथ लौट आए। उन्होंने मुख्यमंत्री का चाय का ऑफर भी ठुकरा दिया।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Sep 2024 04:27 AM
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कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर लगातार पांच दिनों से धरना दे रहे हैं। शनिवार को ममता बनर्जी के साथ डॉक्टरों की बातचीत भी बेनतीजा रही। ममता बनर्जी से बातचीत करने गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे डॉ. अकीब ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, आज संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह इस बात का प्रमाण है कि हमारी मांग सही थी। संदीप घोष ने जो कुछ किया वह संस्थागत अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में बहुत सारे प्रंसिपल और अधिकारी शामिल हो सकते हैं। हम चाहते हैं कि इस तरह के काम करने वाले सारे लोग इस्तीफा दें। जब तक न्याय नहीं मिल जाता, हम आंदोलन जारी रखेंगे। हम यहां अभया के लिए आए हैं और उसके लिए न्याय मांगते रहेंगे।

बता दें कि सीबीआई ने शनिवार को संदीप घोष और एक पुलिसकर्मी को सबूतों से छेड़छाड़ करने के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिसकर्मी का नाम अभिजीत मंडल है जो कि उस वक्त तला पुलिस स्टेशन में ऑफिसर इन चार्ज थे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के साथ उनकी बैठक कैंसल हो गई थी और खाली हाथ ही उनके आवास से लौटना पड़ा।

उन्होंने बताया, हमें कालीघाट पर बातचीत के लिए बुलाया गया था। हम यहीं बैठक चाहते थे। जब हम वहां पहुंचे तो हमने कहा कि मीटिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई जाए और खत्म होने के बाद रिकॉर्डिंग हमें सौंप दी जाए। इसपर अधिकारी सहमत नहीं हुए। इसके बाद मुख्यमंत्री अपने आवास से बाहर आईं और चाय पर चर्चा करने के लिए बुलाया। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि न्याय मिलने के बाद ही चाय पी जाएगी। इसके बाद रिकॉर्डिंग वाली मांग रखी गई। कुछ देर बाद कहा गया कि देर होने की वजह से अब कुछ नहीं किया जा सकता। हम बारिश में इंतजार करते रहे और बिना किसी समाधान के ही लौटना पड़ गया।

शनिवार को ममता बनर्जी ने कहा था कि कोर्ट में मामला होने की वजह से बैठक की रिकॉर्डिंग करवाने वाली मांग मानी नहीं जा सकती। मुख्यमंत्री ने कहा थी कि मीटिंग की रिकॉर्डिंग करवाई जा सकती है लेकिन कोर्ट की मंजूरी के बाद ही इसे सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा, मैं आपको आश्वासन देती हूं कि जो भी रिकॉर्डिंग होगी वह आपको मिलेगी। अगर आप बैठक नहीं भी करना चाहते तो भी अंदर आएं, चाय पिएं फिर जाएं।

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