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आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों और ममता सरकार के बीच बैठक फिर बेनतीजा, भूख हड़ताल जारी

  • कोलकाता आरजी कर अस्पताल और ममता बनर्जी सरकार के बीच बैठक एक बार फिर बेनतीजा रही। ढाई घंटे तक चली वार्ता का कोई हल नहीं निकलने पर डॉक्टरों ने अपनी भूख हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है।

Gaurav Kala कोलकाता, भाषाMon, 14 Oct 2024 11:58 PM
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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला प्रशिक्षु से रेप और हत्या के मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विभिन्न मांगों को लेकर कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल सोमवार को 10वें दिन भी जारी रही। चिकित्सकों और राज्य सरकार के बीच बैठक बेनतीजा रहने से इस गतिरोध का समाधान नजर नहीं आ रहा है। स्वास्थ्य भवन में 12 चिकित्सा संघों के प्रतिनिधियों और मुख्य सचिव मनोज पंत के बीच महत्वपूर्ण बैठक बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई। चिकित्सकों को उम्मीद थी कि राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए स्पष्ट समयसीमा तय करेगी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक प्रशासन किसी भी समयसीमा पर प्रतिबद्ध होने को लेकर अनिच्छुक था। उधर, ‘आमरण अनशन’ में शामिल दो और चिकित्सकों की तबीयत खराब होने की सूचना है।

9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई जघन्य घटना के विरोध में चिकित्सकों की भूख हड़ताल पांच अक्टूबर को शुरू की गई थी। अस्पताल की महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद कनिष्ठ चिकित्सकों ने दो चरणों में लगभग 50 दिनों तक ‘काम बंद’ रखा था। सोमवार देर रात तक सात कनिष्ठ चिकित्सक अनशन पर हैं, जिनमें से कुछ को तत्काल इलाज की जरूरत है।

अनशन से बिगड़ रही डॉक्टरों की तबीयत

अधिकारियों ने बताया कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य को पेट में तेज दर्द के बाद रविवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया। एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘‘पुलस्थ क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती हैं और उनकी हालत बिगड़ गयी है। हमने उनका इलाज करने के लिए एक चिकित्सा बोर्ड का गठन किया है।’’

कोलकाता मेडिकल कॉलेज की एक और कनिष्ठ चिकित्सक तान्या पंजा की भी दोपहर को तबीयत बिगड़ गयी। एक प्रदर्शनरत चिकित्सक ने कहा, ‘‘उनकी (तान्या की) हालत ठीक नहीं है और वह अभी प्रदर्शन स्थल पर निगरानी में हैं। हमने अभी यह तय नहीं किया है कि क्या उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है।’’ पांजा उन कनिष्ठ चिकित्सकों में से एक हैं जिनकी अनशन शुरू होने के बाद से तबीयत खराब हुई है, तीन अन्य को पहले ही कोलकाता और सिलीगुड़ी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, कोलकाता और सिलीगुड़ी शहर में अनशन कर रहे तीन कनिष्ठ चिकित्सकों को उनकी हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है।

अभी अनशन कर रहे चिकित्सकों की कुल संख्या सात है जिसमें नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग का एक कनिष्ठ चिकित्सक भी शामिल है जो आज दोपहर को हड़ताल में शामिल हुआ।

वार्ता बेनतीजा

चिकित्सकों के 12 संघों के प्रतिनिधियों की सोमवार को मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ हुई अहम बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई, क्योंकि चिकित्सकों को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए एक स्पष्ट समयसीमा की उम्मीद थी, लेकिन सरकार कथित तौर पर किसी भी समयसीमा पर प्रतिबद्ध होने के लिए अनिच्छुक थी। पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ कौशिक चाकी ने कहा, ‘‘बैठक बेनतीजा रही। हमने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह किसी अधिकारी को अनशन पर बैठे युवा चिकित्सकों से बातचीत के लिए भेजे और उच्चतम दर्जे वाले अधिकारी को तरजीह दी जाए। हालांकि, मुख्य सचिव ने संकेत दिया कि वह कोई समयसीमा नहीं बता सकते।’’

बैठक के बाद मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा, ‘‘हमने विस्तार से बातचीत की जो लगभग ढाई घंटे तक चली। अनेक चिंताएं व्यक्त की गईं और हमने उनका संज्ञान लिया। कनिष्ठ चिकित्सकों की मांगों के संबंध में हमने विस्तार से चर्चा की। 10 मांगों में से सात को पूरा किया जा चुका है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाकी तीन मांगों के लिए, वे विशिष्ट समयसीमा का अनुरोध कर रहे थे। ये प्रशासनिक निर्णय हैं जिन पर राज्य को विचार करने की आवश्यकता है, इसलिए हम इस समय कोई समयसीमा नहीं दे सकते। हमने उन्हें आश्वासन दिया कि हमने उनके मुद्दों और शिकायतों पर ध्यान दिया है। हमने उनसे आग्रह किया कि वे चिकित्सकों को उनकी भूख हड़ताल वापस लेने के लिए राजी करें, क्योंकि हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।’’

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