इस साल कैसा रहेगा मॉनसून, कब से शुरू होगा बारिश का दौर? जानें देश के मौसम का हाल
- आपको बता दें कि 2023 में अल नीनो ने काफी परेशान किया था। इसके कारण मॉनसून सीजन में 6% की कमी दर्ज की गई थी। वहीं पिछले साल 8% का अतिरिक्त वर्षा हुआ था।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल के दक्षिण पश्चिम मॉनसून सीजन में अल नीनो की संभावना को खारिज कर दिया है। यह केंद्रीय उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर के गर्म होने के कारण उत्पन्न होता है। यह आमतौर पर भारत में मॉनसून के दौरान बारिश पर असर डालता है। इसके कारण बारिश की रफ्तार धीमी पड़ जाती है। बीते सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान आईएमडी के महादिनेशक एम महापात्रा ने कहा, “जलवायु पूर्वानुमान और अंतरराष्ट्रीय पूर्वानुमानों के आधार पर हम मॉनसून के लिए अल नीनो की संभावना को नकार सकते हैं। हमें इस साल न्यूट्रल अल नीनो परिस्थितियां देखने को मिल सकती हैं।”
आपको बता दें कि 2023 में अल नीनो ने काफी परेशान किया था। इसके कारण मॉनसून सीजन में 6% की कमी दर्ज की गई थी। वहीं पिछले साल 8% का अतिरिक्त वर्षा हुआ था।
अल नीनो का मतलब है कि केंद्रीय प्रशांत महासागर में तापमान में 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि होती है। जबकि 'न्यूट्रल' का अर्थ है कि तापमान में कोई खास वृद्धि नहीं होती। हालांकि, ऐसी परिस्थितियों में भी भारत में सामान्य से कम वर्षा हो चुकी है। IMD हर साल अप्रैल में मॉनसून वर्षा का पहला पूर्वानुमान जारी करता है, उसके बाद समय-समय पर पूर्वानुमान भी दिए जाते हैं।
महापात्रा ने कहा, “हमें इस साल के मॉनसून वर्षा के बारे में अंदाजा लगाने के लिए अप्रैल में आने वाले पूर्वानुमान का इंतजार करना होगा।” उन्होंने यह भी कहा, “पूर्वानुमान में भारतीय महासागर और आसपास के समुद्री क्षेत्रों की परिस्थितियां भी महत्वपूर्ण हैं।”
गर्मी से जूझेगा भारत, अप्रैल से जून तक पारा हाई
मॉनसून से पहले भारत इस गर्मी में सामान्य से अधिक तापमान का सामना करेगा। अप्रैल से जून के बीच भारत में औसतन चार से सात हीटवेव के दिन होते हैं, जिन्हें 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान या सामान्य तापमान से पांच डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि माना जाता है। महापात्रा ने कहा, “पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में इस साल 10 हीटवेव के दिन देखे जा सकते हैं।”
IMD के अनुसार अप्रैल, मई और जून के दौरान उत्तर और पूर्वी प्रायद्वीपीय भारत, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में सामान्य से अधिक हीटवेव के दिन आने की संभावना है। 2025 के अप्रैल में पूर्वी और मध्य भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्रों के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक हीटवेव के दिन हो सकते हैं।
मार्च महीने में, मध्य और दक्षिणी भारत के कई हिस्सों में “सामान्य से अधिक” तापमान दर्ज किया गया, और महापात्रा के अनुसार इसका एक कारण “वैश्विक तापमान में वृद्धि” हो सकता है।
भारत में बढ़ते तापमान और इसके प्रभावों को लेकर मौसम विभाग लगातार निगरानी रखे हुए है, ताकि किसानों और आम जनता को समय पर जानकारी मिल सके।
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