सावधान! डिजिटल वेडिंग कार्ड से चुराए जा रहे पैसे, साइबर अपराधियों का नया पैंतरा; ऐसे बचें
- अपराधी इन फाइल्स को APK फॉर्मेट में भेजते हैं। जैसे ही कोई इसे डाउनलोड करता है, वैसे ही यह मालवेयर फोन में इंस्टॉल हो जाता है और अपराधियों को फोन का पूरा एक्सेस दे देता है।
डिजिटल वेडिंग कार्ड का चलन बढ़ने के साथ ही साइबर अपराधियों ने एक नया पैंतरा अपनाया है। अब शादी के निमंत्रण के रूप में भेजे गए डाउनलोडेबल फाइल्स का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इन निमंत्रणों को वाट्सएप पर एक फाइल के रूप में भेजा जाता है, लेकिन असल में ये फाइलें आपके फोन में साइबर अपराधियों को घुसपैठ करने का मौका देती हैं और आपकी निजी जानकारी तक पहुंचने का माध्यम बन जाती हैं।
अपराधी इन फाइल्स को APK फॉर्मेट में भेजते हैं। जैसे ही कोई इसे डाउनलोड करता है, वैसे ही यह मालवेयर फोन में इंस्टॉल हो जाता है और अपराधियों को फोन का पूरा एक्सेस दे देता है। इसके बाद अपराधी आपके फोन से संदेश भेज सकते हैं, आपकी जानकारी चुरा सकते हैं और पैसों की उगाही के लिए इसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश साइबर पुलिस ने इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों को लेकर नागरिकों को सतर्क किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोहित चावला, हिमाचल प्रदेश स्टेट CID और साइबर क्राइम विभाग के अनुसार, “यदि आपको किसी अज्ञात नंबर से शादी के निमंत्रण या किसी फाइल के रूप में संदेश मिलता है, तो उसे क्लिक न करें। फाइल को डाउनलोड करने से पहले भेजने वाले की पहचान सुनिश्चित करें।”
यदि आप इस प्रकार की धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं, तो चुप न रहें। साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या सरकारी पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज करें।
साइबर धोखाधड़ी से कैसे बचें?
अज्ञात लिंक और फाइलें डाउनलोड न करें – किसी भी अज्ञात स्रोत से आए लिंक, अटैचमेंट या फाइलों को न खोलें। खासकर जब ये अजनबियों से आए हों या आपको संदिग्ध लगे हों।
विश्वसनीय स्रोत से ही ऐप्स डाउनलोड करें – केवल Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप्स डाउनलोड करें। अनजान वेबसाइट्स से APK फाइल्स डाउनलोड करना जोखिम भरा हो सकता है।
मजबूत पासवर्ड और दो-स्तरीय सत्यापन (Two-Factor Authentication) का इस्तेमाल करें – अपने अकाउंट्स पर मजबूत पासवर्ड सेट करें और दो-स्तरीय सत्यापन चालू रखें। यह आपकी जानकारी को अतिरिक्त सुरक्षा देता है।
अज्ञात संदेशों और कॉल्स से सतर्क रहें – अगर आपको किसी अज्ञात नंबर से संदेश या कॉल आता है जिसमें आपको लिंक पर क्लिक करने या जानकारी साझा करने के लिए कहा जाता है, तो उसे नजरअंदाज करें और ऐसे संदेश को तुरंत डिलीट कर दें।
अपने डिवाइस और ऐप्स को अपडेट रखें – नियमित रूप से अपने फोन और ऐप्स को अपडेट रखें। नए अपडेट्स में अक्सर सुरक्षा सुधार शामिल होते हैं जो साइबर हमलों से बचाव में मदद करते हैं।
विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें – अपने डिवाइस में विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें और इसे नियमित रूप से स्कैन करें। इससे संभावित मालवेयर और वायरस से सुरक्षा मिलती है।
पब्लिक वाई-फाई से बचें – सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करने से बचें क्योंकि ये अक्सर असुरक्षित होते हैं। यदि आवश्यक हो तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करें।
फिशिंग ईमेल्स और संदेशों से सावधान रहें – साइबर अपराधी ईमेल या संदेश भेजकर आपकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। ऐसे मेल्स में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें और किसी को अपने पासवर्ड, बैंक डिटेल्स आदि न दें।
साइबर अलर्ट्स और स्थानीय पुलिस द्वारा जारी चेतावनियों पर ध्यान दें – साइबर पुलिस या स्थानीय पुलिस द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले अलर्ट्स और एडवाइजरी का पालन करें।
अगर फिर भी आप साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें या https://cybercrime.gov.in पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करें।
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