घरेलू हिंसा हो तो चुप न बैठें महिलाएं
ब्लाक सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सोमवार को हिंसा के अंधियारे से आशा के उजियारे तक कार्यक्रम के तहत महिलाओं को घरेलू हिंसा के...
ब्लाक सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से सोमवार को हिंसा के अंधियारे से आशा के उजियारे तक कार्यक्रम के तहत महिलाओं को घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने को प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के दौरान कई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर रहे ब्लॉक प्रमुख जसविंदर सिंह ने कहा कि जिस तरह से महिलाओं ने घरेलू हिंसा को लेकर अपनी बात खुल कर सामने रखी, उससे जाहिर होता है कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की पहल सार्थक हो रही है। कहा कि घरेलू हिंसा हो तो महिलाएं चुप न बैठें।
सीडीपीओ तरुणा चमोला ने किसी भी क्षेत्र में घरेलू हिंसा होने पर सबसे पहले जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलती है। उन्होंने महिलाओं को घरेलू हिंसा निवारण अधिनियम के साथ ही केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। महिला शक्ति केंद्र की जिला समन्वयक वैभवी डोगरा ने वन स्टॉप सेंटर, महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन की जानकारी दी। एडवोकेट फरदौस अली ने महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों की जानकारी देने के साथ ही सरकार की ओर कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
कार्यक्रम का संचालन साक्षी पोखरियाल ने किया। इस दौरान कनिष्ठ उप प्रमुख रेणू खान, प्रधान संगठन के अध्यक्ष नरेंद्र तोमर, ब्राह्मी तोमर, गायत्री, सुचिता, कल्पना, मनोरमा, पार्वती, दिलरुबा, शैफाली, मोहिता, सलोनी आदि मौजूद रहे।
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