गेहूं की बिजाई के लिए किसानों को बारिश का इंतजार
विकासनगर, संवाददाता।नवंबर के दूसरे सप्ताह में भी बारिश नहीं होने के कारण गेहूं की बिजाई में मुश्किलें आ रही हैं। बारिश पर निर्भर क्षेत्रों में जमीन मे
नवंबर के दूसरे सप्ताह में भी बारिश नहीं होने के कारण गेहूं की बुआई में मुश्किलें आ रही हैं। बारिश पर निर्भर क्षेत्रों में जमीन में पर्याप्त नमी न होने से बिजाई संभव नहीं हो पा रही। वहीं, जौनसार के कुछ क्षेत्रों के किसान वर्तमान में आलू की फसल तैयार कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें हर सप्ताह सिंचाई करनी पड़ रही है। पछुवादून, जौनसार के जिन क्षेत्रों में आलू की फसल तैयार नहीं होती, वहां किसान नवंबर की शुरुआत में गेहूं की बुआई कर देते हैं। वहीं, आलू तैयार करने वाले किसान नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में गेहूं की बिजाई करते हैं। जिन इलाकों में आलू नहीं होता वहां के किसान नवंबर की शुरुआत में गेहूं की बुआई को सबसे उत्तम मानते हैं। समय पर बुआई होने से गेहूं की पैदावार अच्छी होती है, जबकि आलू वाले इलाकों में बिजाई देरी से होती है, जिसका सीधा असर पैदावार पर भी होता है।
किसान संतन सिंह बिष्ट, मेहर सिंह, ग्यारू दत्त, ओमप्रकाश जोशी ने बताया कि गेहूं की बुआई के लिए बीज और खाद की खरीद ली है। बस बारिश का इंतजार है। नवंबर माह के शुरुआती दिन सूखे ही बीत गए। बारिश होने के बाद ही गेहूं बिजाई कर देंगे।
उधर, कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. एके शर्मा ने बताया कि गेहूं की बिजाई के लिए जमीन में नमी होनी जरूरी है। गैर सिंचित क्षेत्रों में समय-समय पर बारिश की जरूरत होती है। बिजाई से पहले जमीन में नमी होने से बीज अच्छी तरह से अंकुरित होता है।
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