त्यूणी तहसील के कई गांवों में पेयजल संकट गहराया
तहसील क्षेत्र के कई गांवों में इन दिनों पेयजल संकट गहराया हुआ है। प्राकृतिक स्रोतों में पानी नहीं होने के कारण पेयजल लाइनें सूखी पड़ी हुई हैं।

तहसील क्षेत्र के कई गांवों में इन दिनों पेयजल किल्लत बनी हुई है। प्राकृतिक स्रोतों में पानी नहीं होने के कारण पेयजल लाइनें सूखी पड़ी हैं। गर्मियों में होने वाले पेयजल किल्लत से निपटने के लिए दो साल पूर्व गुंडा गांव में एक करोड़ की लागत से नलकूप योजना का निर्माण शुरू किया गया था, लेकिन कार्य की धीमी गति के कारण अभी योजना धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले सकी है। जबकि नलकूप योजना का निर्माण कार्य बीते मार्च माह तक पूरा किया जाना था। स्थानीय निवासी आदित्य सिंह पंवार, प्रमेश रावत, संतराम चौहान, महावीर चौहान, मोहन लाल, रणवीर सिंह, प्रीतम सिंह, पदम सिंह ने बताया कि दो साल पूर्व बोरिंग की गई थी, लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ है।
इस योजना के आसपास के गांवों की करीब पांच हजार की आबादी को पेयजल सुविधा मिलनी है। इसके साथ ही कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय त्यूणी और राजकीय इंटर कॉलेज त्यूणी को भी पेयजल आपूर्ति इसी योजना से की जानी है। गर्मियों में प्राकृतिक स्रोत सूखने के कारण कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पेयजल संकट पैदा हो जाता है। बालिकाओं को पीने के पानी की आपूर्ति करने के लिए दो से तीन किमी दूर जाना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने कहा कि नलकूप निर्माण की धीमी गति का खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। गर्मियां शुरू होते ही प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूख जाते हैं, जिससे गांवों में पेयजल संकट गहरा जाता है। उधर, एसडीएम विनोद कुमार ने कहा कि निर्मादायी संस्था को जल्द निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
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