हरियाणा में सीखे जौनसार के किसानों ने डेयरी फार्मिंग के गुर
एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तहत गठित खत शैली आजीविका बहुउद्देश्यीय स्वायत्त सहकारिता के दस किसानों ने हरियाणा के करनाल में तीन दिनों तक डेयरी फार्मिंग के गुर...
चकराता। हमारे संवाददाताएकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के तहत गठित खत शैली आजीविका बहुउद्देश्यीय स्वायत्त सहकारिता के दस किसानों ने हरियाणा के करनाल में तीन दिनों तक डेयरी फार्मिंग के गुर सीखे। शनिवार को भ्रमण से वापस लौटे किसानों ने एकीकृत आजीविका कालसी के परियोजना प्रबंधक बीके भट्ट से मुलाकात कर अपने अनुभव साझा किए। साथ ही किसानों ने बताया कि पहाड़ से पलायन को रोकने के लिए डेयरी फार्मिंग को व्यवसाय के तौर पर विकसित किया जाना जरूरी है। किसानों ने बताया कि करनाल के डेयरी अनुसंधान संस्थान में स्थानीय किसानों को आधुनिक तकनीक से डेयरी फार्मिंग के गुर बताए जाते हैं। साथ ही उन्हें आवश्यक संसाधन भी मुहैया हो रहे हैं। कहा कि तीन दिनों के भ्रमण के दौरान किसानों को आधुनिक तकनीक से डेयरी फार्मिंग, पशुओं के रखरखाव और दुग्ध पदार्थों के विपणन की जानकारी दी गई। किसानों ने बताया कि डेयरी फार्मिंग के लिए जौनसार-बावर क्षेत्र की परिस्थितियां अनुकूल हैं। जरूरत उन्हें सरकारी तौर पर सुविधाएं मुहैया कराने की हैं। आधुनिक सुविधा मुहैया होने पर स्थानीय किसान डेयरी फार्मिंग को प्रमुख व्यवसाय के तौर पर अपना सकते हैं। भ्रमण दल में रमेश चौहान, ईश्वर चौहान, कलम सिंह, संजय सिंह, संजीव चौहान, प्रवीन दास आदि शामिल रहे।
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