बुद्ध पूर्णिमा : अशोक शिलालेख की परिक्रमा कर विश्व शांति की कामना की
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर कालसी में बौद्ध उत्सव मेला समिति ने कार्यक्रम आयोजित किया। सदस्यों ने अशोक शिलालेख की परिक्रमा की और सम्राट अशोक के कार्यों से श्रद्धालुओं को परिचित कराया। कार्यक्रम में...

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को बौद्ध उत्सव मेला समिति कालसी की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया। समिति के सदस्यों ने अशोक शिलालेख की परिक्रमा की। साथ ही सम्राट अशोक के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। समाज के पदाधिकारियों ने अन्य प्रांतों से आए श्रद्धालुओं और छात्र-छात्राओं को सम्राट अशोक के कार्यों से परिचित कराया। इस दौरान बुद्धं शरणं गच्छामि...की मधुर ध्वनि से वातावरण गुंजायमान रहा। कालसी स्थित सम्राट अशोक की शिलालेख पर सोमवार को बुद्धं शरणं गच्छामि, संघं शरणम गच्छामि की मधुर ध्वनि गूंजती रही। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बौद्ध उत्सव मेला समिति की ओर से आयोजित समारोह में यूपी, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य कई प्रांतों के लोगों ने भाग लिया।
लोगों ने यमुना में स्नान करने के बाद शिलालेख की परिक्रमा की। कार्यक्रम के संयोजक जेएस कुशवाहा ने कहा कि सम्राट अशोक का नाम भारतीय इतिहास में युग पर्वतक व शांति दूत के रूप में लिया जाता है। युद्ध की विभीषिका से दुखी होकर बौद्ध धर्म अपनाने वाले सम्राट अशोक से वर्तमान विश्व को सीख लेनी चाहिए, जिससे विश्व बंधुत्व की धारणा मूर्तरूप ले सके और विश्व में शांति स्थापित हो। वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं को सम्राट अशोक के कार्यों से परिचित कराते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने की सलाह दी और मौजूद सभी लोगों ने शिलालेख की परिक्रमा व भगवान बुद्ध की प्रार्थना कर विश्व में शांति स्थापित करने का संकल्प लिया। इस दौरान अजय सैनी, राजीव कुमार शाक्य, दौलत कुंवर, संजय सैनी, रविंद्र हाडी, राधेश्याम कुशवाहा, शिव कुमार सैनी, डॉ.प्रवेश कुमार, सुदेश कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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