सीवरेज प्रबंधन की डीपीआर तैयार करें: डीएम
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगा और यमुना नदी को निर्मल रखने के लिए सीवरेज प्रबंधन योजनाओं पर जोर दिया। उन्होंने गंगोत्री में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन के मानकों का पालन सुनिश्चित करने...
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बुधवार को जिला गंगा समिति की बैठक में गंगा एवं यमुना नदी को निर्मल बनाए रखने पर जोर देते हुए जिले में सीवरेज प्रबंधन के लिए प्रस्तावित योजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने को कहा। साथ ही गंगोत्री धाम में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में तय मानकों का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने नगरीय क्षेत्रों में कूड़े के समुचित प्रबंधन व लीगेसी कूड़े के निस्तारण पर विशेष ध्यान देने की हिदायत दी। कहा कि इस संबंध में हुई प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी। जिला गंगा समिति की कलक्ट्रेट वीसी कक्ष में बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में गंगा व यमुना नदी के तटवर्ती नगरों, कस्बों व यात्रा पड़ावों में सीवेज प्रबंधन के लिए प्रस्तावित योजनाओं पर संबंधित विभागों व निकायों द्वारा अब तक की गई कार्रवाई की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जल संस्थान के अधिकारियों को कहा कि गंगोत्री के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का सही तरीके से संचालन कर निर्धारित मानकों का अनिवार्य रूप से अनुपालन किया जाए। उन्होंने उत्तरकाशी नगर के मौजूदा दो एमएलडी के एसटीपी की क्षमता विस्तार और जोशियाड़ा क्षेत्र स्थित वार्ड नंबर 8 एवं 9 के लिए मार्ग निर्माण सहित ड्रेनेज व सीवरेज प्रबंधन की योजना की डीपीआर जल्द तैयार करने के लिए नगरपालिका, सिंचाई विभाग और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों को निर्देशित किया। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ऋषिकेश के परियोजना प्रबंधक ने बताया कि इस परियोजना की डीपीआर तैयार करने के लिए 56 लाख की लागत का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि प्रस्तावित ड्रेनेज परियोजना की डीपीआर बनाने के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है और कसलटेंट की नियुक्ति कर ली गई है। जिलाधिकारी ने चिन्यालीसौड़ में एफएसटीपी के लिए उप जिलाधिकारी को भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गंगोत्री एवं यमुनोत्री क्षेत्र के कूड़े के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, एडीएम देवानंद शर्मा, एसडीएम मुकेश चंद रमोला, जिला गंगा समिति के सदस्य लोकेन्द्र बिष्ट, अशोक सेमवाल, जय प्रकाश, ईई सिंचाई केएस रावत, ईई जल संस्थान एलसी रमोला, ईई जल निगम मधुकांत कोटियाल, स्वजल के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूड़ा आदि थे।
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