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धामी सरकार के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा; रो पड़े, इस बयान से मचा था बवाल

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके पहाड़ी इलाकों के लोगों पर दिए गए एक विवादित बयान से विवाद पैदा हो गया था।

Krishna Bihari Singh भाषा, देहरादूनSun, 16 March 2025 07:40 PM
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धामी सरकार के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा; रो पड़े, इस बयान से मचा था बवाल

उत्तराखंड विधानसभा में पहाड़-मैदान को लेकर अपने विवादित बयान के कारण काफी समय से विरोध का सामना कर रहे सूबे के संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने रविवार को यहां मुख्यमंत्री आवास में पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान वह रो पड़े। उन्होंने कहा कि आज उसे टारगेट किया जा रहा है जिसने उत्तराखंड के लिए योगदान दिया। राज्य आंदोलन में लाठियां खाईं।

उत्तराखंड के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने पद से इस्तीफा देते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा- मेरे जैसे एक आंदोलनकारी की बात को जिस प्रकार से तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। इसको लेकर पूरे प्रदेश में जिस प्रकार माहौल बनाया गया। इसको लेकर मुझे बड़ा दुख है। मैं बेहद आहत हूं। इसके साथ ही प्रेमचंद अग्रवाल रो पड़े। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश को आगे बढ़ाने में मुझसे जो योगदान बन पड़ेगा देने को तैयार हूं।

हाल में विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की उन्हें लेकर की गई टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल आक्रोशित हो गए थे। उन्होंने कहा था कि क्या हमने इसी दिन के लिए आंदोलन कर उत्तराखंड मांगा था कि पहाड़ी और देसी को लेकर टिप्पणियां की जाएं। क्या उत्तराखंड केवल पहाड़ के लोगों के लिए ही बना है क्या? इस दौरान उनके मुंह से एक अपशब्द भी निकल गया था।

मंत्री के इसी बयान को लेकर सूबे का सियासी तापमान बढ़ गया था। कांग्रेस और कुछ अन्य संगठनों ने उनको कैबिनेट से बाहर निकाले जाने की मांग करते हुए पूरे प्रदेश में जगह जगह प्रदर्शन किए थे। हालांकि बाद में मंत्री ने अपने बयान के लिए खेद भी जताया था। बात यहां तक बढ़ गई थी कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि उत्तराखंड की एकता को भंग करने के प्रयास करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे ऐसे लोग मंत्री, विधायक या सांसद क्यों ना हों।

पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, होली से पहले ही मुख्यमंत्री धामी दिल्ली गए थे। उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं से इस मसले पर बातचीत की थी। तभी से माना जा रहा था कि जल्द ही प्रेमचंद अग्रवाल से इस्तीफा लिया जा सकता है। प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे और उनके पुतले फूंके जा रहे थे। कांग्रेस और उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने प्रेमचंद अग्रवाल को कैबिनेट से हटाने की मांग की थी।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को लेकर लगातार हो रहे हंगामे के कारण सरकार भी बैकफुट पर नजर आ रही थी। कांग्रेस सोशल मीडिया पर लगातार इस मुद्दे को उठाते हुए हंगामा कर रही थी। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार ने भी प्रेमचंद अग्रवाल को तलब किया था। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को संयम बरतने और उचित शब्दावली प्रयोग करने की कड़ी हिदायत दी थी।

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