सिद्धपीठ राजराजेश्वरी गौरजा देवी में नवरात्रि पर भजन-कीर्तिन
नवरात्रि के पर्व पर नई टिहरी के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। मां काली के पूजन के साथ, भक्तों ने मनोकामनाएं मांगी। सुरकंडा, कुंजापूरी और चंद्रबदनी मंदिरों में विशेष पूजा आयोजित की...
नवरात्रि के पर्व के दिनों में नई टिहरी के प्रमुख मंदिरों वे श्रद्धालुओं का तांता निरंतर लगा हुआ है। शुक्रवार को सातवें दिन भी कालरात्रि के दिन मां काली के रूप में पूजा श्रद्धालुओं करने हुए मनोकामनायें मांगी और जग कल्याण की कामना भी की। दूसरी और मंदिरों में भजनों-पूजा अर्चना के साथ ही भक्ति गीतों की धूम रही। टिहरी के प्रमुख सिद्धपीछ सुरकंडा, कुंजापूरी व चंद्रबदनी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन पुण्य लाभ लिया। चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन जौनपुर ब्लॉक के ग्राम छनांण गांव स्थित राजराजेश्वरी गौरजा देवी सिद्धपीठ में धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। ग्रामीणों ने भजन-कीर्तन कर देवी की विशेष पूजा की। उन्होंने मां भगवती से खुशहाली की कामना की। मुख्य पुजारी जसवीर रावत, हरिओम रावत और विकास रावत ने विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना संपन्न कराई। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य रविंद्र रावत ने राजराजेश्वरी गौरजा देवी के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी देते हुए बताया कि 18वीं सदी में मां काली ने इस क्षेत्र में विराट स्वरूप में प्रकट होकर भक्तों को दर्शन दिए थे। मां भगवती ने अगलाड नदी पार कर छलांग लगाई, जिससे यह स्थल चौंरकाली के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यहां पर भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। मंदिर समिति के अध्यक्ष गोविंद रावत, पूर्व अध्यक्ष रणवीर रावत, पूर्व प्रधान बीर सिंह रावत, फकीर चंद रावत, हुकम रावत, दीपचंद रावत, महावीर रावत, भीम रावत, सुभाष रावत, उपेंद्र रावत, सतेंद्र रावत, रघुवीर रावत, कुलदीप रौंछेला आदि ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर भक्तिमय कार्यक्रम आयोजित किए।
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