संस्कृत ग्राम योजना के लिए गांवों का किया चयन: वरखड़ी
संस्कृत ग्रामों का नोडल अधिकारी डा.सूर्यमणि को बनाया गया संस्कृत ग्राम योजना के लिए गांवों का किया चयन: वरखड़ी

केंद्रीय संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में संस्कृत भाषा के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए संस्कृत ग्राम योजना बनाई गयी है। उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी द्वारा इसके लिए प्रदेश के हर जनपद में एक गांव का चयन किया गया है। इन गांवों में निवास करने वालों को अपने दैनिक व्यवहार में संस्कृत भाषा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। इन गांवों में संस्कृत प्रशिक्षक की नियुक्ति भी की जायेगी। कुलपति प्रो वरखेड़ी के अनुसार देवभाषा संस्कृत से समाज के हर वर्ग तक को जोड़ने का लक्ष्य है। केंद्रीय संस्कृत विवि ने उत्तराखण्ड की धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक महत्ता को देखते उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के साथ संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार की पहल प्रदेश में की है। उत्तराखण्ड में भोगपुर देहरादून, नूरपुर हरिद्वार, मुखेम टिहरी, कोटगांव मोरी उत्तरकाशी, डिम्मर चमोली, गोदा खिरसू पौड़ी गढ़वाल, बैंजी रुद्रप्रयाग, कोटा बाग नैनीताल, जैती ताड़ीखेत, अल्मोड़ा, खर्ककार्की चंपावत, शेरी बागेश्वर, उर्ग मुनाकोट पिथौरागढ़, नगला तराई ऊधम सिंह नगर को संस्कृत ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। प्रदेश में विवि के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर देवप्रयाग के निदेशक प्रो. पीवीबी सुब्रह्मण्यम के अनुसार उत्तराखण्ड संस्कृत विवि से भी इसको लेकर कई करार हुए हैं। डॉ.सूर्यमणि भंडारी को संस्कृत ग्रामों का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
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