गोबर खाद से आजीविका अर्जित कर रही भडोली की महिलाएं
देवप्रयाग ब्लॉक के भडोली गांव की महिलाएं इन दिनों श्रीनगर गढ़वाल में चल रहे सरस आजीविका मेले में चर्चा का विषय बनी हुई है। महिलाएं गांव में कई सालों से जमे हुए गोबर को साफ कर छानने के बाद स्वतः ही...
देवप्रयाग ब्लॉक के भडोली गांव की महिलाएं इन दिनों श्रीनगर गढ़वाल में चल रहे सरस आजीविका मेले में चर्चा का विषय बनी हुई है। महिलाएं गांव में कई सालों से जमे हुए गोबर को साफ कर छानने के बाद स्वतः ही उर्वरक तौर पर तैयार हुई जैविक खाद को सरस मेले में बेचने का काम कर रही हैं।
राष्ट्रीय आजीविका परियोजना के तहत निर्मित नवजीवन ग्रुप भडोली की महिलाओं ने अपने खेतों में तैयार किए गए मेथी, जख्या, गेंदा फूल की माला और जैविक खाद को बेचने का कार्य शुरू किया है। वहीं झल्ड गांव की महिलाओं भी लहसुन, मूली, मिर्च का अचार बना कर सरस मेले में अपनी भागीदारी निभा रही हैं। नवजीवन ग्रुप की प्रेरक और भल्ले गांव क्षेपंस सुमन भट्ट ने बताया कि जैविक खाद की मांग पहाड़ी क्षेत्रों में कम और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा है। महिलाएं अब जैविक खाद को ऑनलाइन बेचने के लिए भी तैयारी कर रहे है। जैविक खाद को खरीदने आये कोट ब्लॉक के राजेन्द्र प्रसाद के अनुसार राज्य सरकार की ओर से स्थानीय मेलों का प्रचार प्रसार विदेशी और शहरी पर्यटकों को लुभाने के लिए करना चाहिए। इससे स्थानीय पहाड़ी उत्पाद जैसे अचार, जैविक खाद, फूल माला आदि की खपत बड़ी मात्रा में हो सकेगी। राज्य सरकार की ओर से आयोजित सरस मेले में पहाड़ी उत्पादों को खरीदने के लिए धीरे-धीरे स्थानीय जनता की भीड़ भी बढ़ रही है। दस दिनों तक आयोजित सरस मेले में जैविक खाद के जरिये भडोली गांव की महिलाओं को अच्छी आमदनी होनी की उम्मीद बनी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।