मेडिकल कॉलेज में वार्ड आया कोरोना पॉजिटिव, बायोमेट्रिक अटेंडेंस से स्टाफ के भी संक्रमित होने की आशंका
श्रीनगर बेस अस्पताल का कोविड वार्ड विगत दो दिन पहले मरीजों से मुक्त हो चुका है। किंतु वार्ड के एक बार फिर से मरीजों से भरने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अभी कोई भर्ती नहीं है, किंतु बेस...
श्रीनगर बेस अस्पताल का कोविड वार्ड विगत दो दिन पहले मरीजों से मुक्त हो चुका है। किंतु वार्ड के एक बार फिर से मरीजों से भरने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अभी कोई भर्ती नहीं है, किंतु बेस अस्पताल के गायनी वार्ड में तैनात वार्ड आया मंगलवार को रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव पायी गई। जिससे कर्मचारियों के बीच हडकंप मच गया है। हडकंप इसलिए ज्यादा मचा है, क्योंकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बेस अस्पताल में कोविड काल में बायोमैट्रिक हाजरी शुरू कर दी है।
ऐसे में यदि अस्पताल के ही कार्मिक पॉजिटिव आने शुरू हो रहे है तो बायोमैट्रिक हाजरी से कोविड केस बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बेस अस्पताल के पीआरओ अरुण बडोनी ने बताया कि मंगलवार को बेस अस्पताल में 45 लोग की आरटीपीसीआर जांच हेतु सैंपल लिए गए, जबकि 19 रैपिड टेस्ट किये गये। जिसमें गायनी विभाग की वार्ड आया रैपिड टेस्ट में पॉजिटिव पायी गई। वहीं बेस अस्पताल के एमएस डॉ. केपी सिंह ने बताया कि महिला कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात थी।
लक्षण दिखाई देने पर रैपिड टेस्ट किया गया तो वह पॉजिटिव पायी गई। कर्मचारी को होम आइसोलेट कर दिया गया है। वहीं बेस अस्पताल के गायनी वार्ड की वार्ड आया के रैपिट टेस्ट में पॉजिटिव आने से हड़कंप मचा हुआ है। कर्मचारी द्वारा अन्य कर्मचारियों की भांति सुबह बायोमैट्रिक हाजरी लगायी होगी तो इससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है। कर्मचारियों के साथ ही डॉक्टर बायोमैट्रिक हाजरी लगा रहे है। कोविड संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ बल्कि कम हुआ है, ऐसे में यदि बायोमैट्रिक हाजरी लगती है तो कोविड पॉजिटिव केस बढ़ सकते है।
सेनेटाइजर मशीन रहती है खाली: बायोमैट्रिक मशीन के सम्मुख लगी सेनिटाइजर मशीन कभी-कभी खाली रहती है। ऐसे में बायोमैट्रिक हाजरी लगाने के बाद कोई कर्मचारी हाथ की अंगुलियों को सेनेटाइजर नहीं करता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। कर्मचारी कॉलेज प्रशासन के बायोमैट्रिक आदेश का खुलकर विरोध तो नहीं कर रहे हैं, किन्तु बायोमैट्रिक हाजरी शुरू करने को लेकर लगातार चर्चा करते दिखाई दे रहे है। कॉलेज प्रशासन के आदेश के बाद मजबूरी में डॉक्टर से लेकर कर्मचारी बायोमैट्रिक हाजरी लगाने को मजबूर है।
केन्द्र संस्थान में नहीं बायोमैट्रिक हाजरी: एचएनबी गढ़वाल केन्द्रीय विवि में बायोमैट्रिक मशीनें आज तक नहीं लग पायी है। केन्द्रीय संस्थान होने के बाद भी यहां कोविड को देखते हुए जहां अभी तक सोशल डिस्टेंस सहित सभी नियमों का पालन हो रहा है, किंतु मेडिकल कॉलेज कोविड अस्पताल बनने के बाद भी यहां अगस्त से बायोमैट्रिक हाजरी शुरू कर कर्मचारियों को संशय में डाल दिया है।
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