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काबीना मंत्री-भाजपा प्रदेश संगठन के बीच रार में क्या आया नया ट्विस्ट ? पढ़िए पूरी खबर

कोटद्वार नगर निगम में करारी हार के बाद काबीना मंत्री व स्थानीय विधायक डॉ. हरक सिंह रावत और प्रदेश संगठन के बीच शुरू हुई रार में गुरुवार को नया ट्विस्ट आ गया। हार के लिए प्रदेश नेतृत्व पर ठीकरा फोड़...

लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादून Fri, 30 Nov 2018 01:01 PM
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कोटद्वार नगर निगम में करारी हार के बाद काबीना मंत्री व स्थानीय विधायक डॉ. हरक सिंह रावत और प्रदेश संगठन के बीच शुरू हुई रार में गुरुवार को नया ट्विस्ट आ गया। हार के लिए प्रदेश नेतृत्व पर ठीकरा फोड़ रहे हरक सिंह पर लैंसडौन विधायक दिलीप सिंह रावत ने पलटवार किया है। कोटद्वार में दिलीप की पत्नी नीतू रावत मेयर पद के लिए भाजपा की प्रत्याशी थीं। बीते रोज हरक ने कहा था कि कोटद्वार में मेयर प्रत्याशी के चयन में उनकी राय नहीं ली गई। सचिवालय में गुरुवार को पत्रकार वार्ता में दिलीप ने हरक के बयान पर गहरा दुख जताया। बकौल दिलीप, प्रत्याशी चयन में हरक की महत्वपूर्ण भूमिका थी। अपनी पत्नी का टिकट फाइनल होने से पहले मैंने खुद हरक सिंह के घर जाकर सहमति मांगी थी। तब हरक ने बड़ा मन दिखाते हुए कहा था कि मेरा तो पूरा सपोर्ट तुम्हारे साथ है। उन्होंने कहा कि अब हरक का यह कहना कि मेरे से राय नहीं ली गई, सरासर झूठ है। यदि ऐसा नहीं है तो हरक भगवान सिद्धबली की कसम खाकर यह बात कहें। मैं तो कसम खाकर यह बात कहने को तैयार हूं। दिलीप ने कहा कि हरक ने तो समर्थन देते हुए यह भी कहा था कि यदि कोई दूसरा प्रत्याशी होता तो मुझे नोट और वोट, दोनों का इंतजाम करना पड़ता। दिलीप भाई तुम तो मजबूत कैंडिडेट हो। मुझे कुछ करना ही नहीं पड़ेगा।

काऊ बोले-हार के लिए मैं नहीं संगठन जिम्मेदार 
रायपुर क्षेत्र के कुछ वार्ड में हार के बाद भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ अपनों के ही निशाने पर हैं। आए दिन पुतले फुंकने से नाराज काऊ ने गुरुवार को साफ कहा कि हार के वो नहीं बल्कि संगठन जिम्मेदार है। बकौल काऊ-मैंने जीत की पूरी कोशिश की। नतीजों के लिए भला विधायक कहां से जिम्मेदार है? इसके लिए संगठन की जिम्मेदारी है।

भाजपा के अंतर्कलह में दबाव की राजनीति के संकेत
निकाय चुनाव के बाद एकाएक भाजपा में शुरू हुआ अंतर्कलह कई संकेत दे रहा है। इस कलह में पार्टी के शीर्ष नेता खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं, उसे लोकसभा चुनाव से पहले दबाव की राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है। निकाय चुनाव में कुछ स्थानों पर हार के बाद पहले मसूरी विधायक गणेश जोशी के पुतले फुंके और अब रायपुर विधायाक उमेश शर्मा के खिलाफ माहौल बना हुआ है। इसी बीच प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी गैरसैंण का राग छेड़ दिया। संसाधन पूरे होने से पहले गैरसैंण में सत्र न कराने की भट्ट की राय पर विवाद होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को खुद आगे आना पड़ा। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से मामला कुछ शांत हो ही रहा था कि काबीना मंत्री हरक सिंह रावत गैरसैंण और उनके साथ तमाम नेता विभिन्न मुद्दों को लेकर सक्रिय हैं।

हरक सिंह सीनियर लीडर हैं। जाने क्यों वो ऐसी बात कर रहे हैं। मेरे लिए राजसत्ता महत्वपूर्ण नहीं है। मैं साहसी हूं लेकिन हरक जी के समान दुस्साहसी नहीं।
दिलीप सिंह रावत, लैंसडौन विधायक  

 

 

 

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