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उत्तराखंड-यूपी मिलकर करेंगे कॉर्बेट के बाघों की सुरक्षा, जानिए क्या है प्लानिंग 

मानसून सीजन में बाघों की सुरक्षा के लिए उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश साथ मिलकर काम करेंगे। दोनों राज्यों के वन विभाग की टीमें कार्बेट टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के वन कर्मियों की टीम बनी है।

Himanshu Kumar Lall रामनगर। वर्मा , Wed, 13 July 2022 03:46 PM
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मानसून में कॉर्बेट के बाघों की सुरक्षा के लिए उत्तराखंड, यूपी के वनाधिकारी एक मंच पर आ गए हैं। यूपी के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व, कालागढ़, बिजनौर आदि वन प्रभाग के कर्मचारी कॉर्बेट प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे। इसके लिए यूपी उत्तराखंड की सीमा पर सबसे बड़ा फ्लैग मार्च निकाला जा चुका है।

दोनों ही प्रदेशों के अधिकारी सूचनाओं का आदान प्रदान भी एक-दूसरे से करेंगे।  प्रदेश में 15 जून से मानसून सीजन शुरू हो जाता है। इस दौरान टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क व अन्य वन्यजीव बाहुल्य वन प्रभागों में अलर्ट जारी किया जाता है। वनाधिकारियों का मानना है कि बरसात में संदिग्ध और बाघों के शिकारी सक्रिय हो जाते हैं।

कॉर्बेट में देश के सभी टाइगर रिजर्व से अधिक बाघ हैं। 1288 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र में फैले कॉर्बेट में 250 से अधिक बाघों की संख्या बताई जाती है। यहां बाघों का बेहतर घनत्व में भी देश-विदेश में पहचान बना रहा है। ऐसे में मानसून में कॉर्बेट में अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। 

खुफिया तंत्र भी हाई अलर्ट पर: मानसून को देखते हुए कॉर्बेट व अन्य वन कर्मियों की छुट्िटयों पर रोक लगाई गई है। वन कर्मचारी लगातार गश्त कर रहे हैं। खुफिया तंत्र को भी मजबूत किया गया है।  

मगरमच्छ के दो सौ बच्चों ने लिया जन्म 
कॉर्बेट के खिनानौली रेंज में मगरमच्छ के दो सौ से अधिक बच्चों ने जन्म लिया है। कॉर्बेट के वरिष्ठ वन्यजीव वैज्ञानिक शाह बिलाल ने बताया कि बीते रविवार को 150 से अधिक बच्चे और 50 से अधिक अंडे मिले थे। उन्हें संरक्षित किया गया था। मंगलवार को अंडों में से बच्चों ने सकुशल जन्म लिया है। कॉर्बेट के डिप्टी डायरेक्टर नीरज शर्मा ने बताया कि खिनानौली में वनकर्मियों की मदद से अंडों को पानी, पक्षियों और कई वन्यजीवों से संरक्षित किया गया। कॉर्बेट में मगरमच्छ और घड़ियाल की संख्या बढ़ने से पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। 

यूपी सीमा पर है सबसे अधिक खतरा
कॉर्बेट में यूपी सीमा से ही संदिग्ध लोग प्रवेश करते हैं। ढेला रेंजर संदीप गिरी ने बताया कि कॉर्बेट की यूपी से सटी सीमा करीब 50 किलोमीटर तक है। यहां थर्मर कैमरे, हाथियों से गश्त आदि के जरिए नजर रखी जा रही है। 

यूपी व कॉर्बेट के आस-पास के वन प्रभाग संयुक्त रूप से गश्त कर वन्यजीवों की सुरक्षा कर रहे हैं। यूपी के वनाधिकारियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। कॉर्बेट में बाघों के साथ ही अन्य वन्यजीवों की संख्या अधिक है, ऐसे में यहां हाई अलर्ट किया गया है। 
नीरज शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर, कॉर्बेट।  
 

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