उत्तराखंड : तीन हफ्तों में कोरोना वायरस के तीन गुना मामले बढ़े
उत्तराखंड में प्रवासियों के पहुंचने के बाद वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) बहुत तेजी से पांव पसारने लग गया है। विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों को वापस लाने की मुहिम यहां के लोगों पर भारी...
उत्तराखंड में प्रवासियों के पहुंचने के बाद वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) बहुत तेजी से पांव पसारने लग गया है। विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों को वापस लाने की मुहिम यहां के लोगों पर भारी पड़ रही है पिछले 24 घंटे में 12 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 165 हो गई है।
गौरतलब है कि पिछले दो सप्ताह में प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या तीन गुनी हो गई है। प्रदेश में 11 मई को कुल 68 मामले थे लेकिन ताजा स्थिति के अनुसार अब कुल मामलों की संख्या 165 हो गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि करीब तीन लाख लोगों ने उत्तराखंड आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है अभी एक लाख से भी कम लोग यहां लाए गए हैं। ऐसे में लगातार सामने आ रहे मामलों से राज्य के लोगों में काफी रोष व्याप्त हो गया है।
इससे पहले कोरोना संक्रमण का प्रकोप केवल मैदानी जिलों तक ही सीमित था लेकिन जब से प्रवासियों को यहां लाया जाने लगा है तब से वायरस पर्वतीय इलाकों में भी पहुंच गया है और कमोवेश लगभग हर जिले में कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए हैं इनमें से ज्यादातर लोग प्रवासी उत्तराखंडवासी हैं जो विभिन्न राज्यों से वापस लाए गए हैं।
सरकार की इस नीति का जमकर विरोध हो रहा है हरिद्वार जनपद में पहले केवल सात करोना मरीज थे जो ठीक होकर घर चले गए थे और हरिद्वार कोरोना मुक्त हो गया था परंतु प्रवासियों के यहां लाए जाने के बाद यहां फिर छह नए मामले सामने आए हैं जिससे यहां भी हड़कंप मचा हुआ है सरकार की इस नीति की हर तरफ आलोचना हो रही है ।
इससे पहले सरकार ने कोरोना डेडीकेटेड अस्पताल बनाने के लिए 30 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा के बाद भी अभी तक कहीं भी कोराना के लिए विशेष अस्पताल नहीं बनाया गया है केवल पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर को ही कोरोना अस्पताल में बदलकर इलाज किया जा रहा है।
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