Uttarakhand Board Exam: इंटर का रिजल्ट बनाना बना चुनौती, जानिए किस पैटर्न पर छात्रों को मिलेंगे अंक
कोरोना संक्रमण के कारण रद्द हुई हाईस्कूल और इंटर मीडिएट की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट के साथ-साथ कुछ और अहम मुद्दों के हल तलाशने होंगे। स्कूलों के नियमित छात्रों का आंकलन तो उनकी मासिक परीक्षा और...
कोरोना संक्रमण के कारण रद्द हुई हाईस्कूल और इंटर मीडिएट की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट के साथ-साथ कुछ और अहम मुद्दों के हल तलाशने होंगे। स्कूलों के नियमित छात्रों का आंकलन तो उनकी मासिक परीक्षा और विभिन्न प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर हो जाएगा। लेकिन प्राइवेट आधार पर पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी फार्मूला तलाशना होगा। इसके साथ ही परीक्षा न होने की वजह से परीक्षा शुल्क पर भी सरकार को विचार करना है। इस साल हाईस्कूल के लिए 1.48 लाख और इंटर मीडिएट के लिए 1.23 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था। हाईस्कूल का परीक्षा शुल्क रेग्यूलर छात्र के लिए 210 और प्राइवेट के लिए 620 रुपये है। जबकि इंटर मीडिएट में यह शुल्क 360 और 720 रुपये होता है।
इन छात्रों से विद्यालयी शिक्षा बोर्ड ने शुल्क के रूप में सात करोड़ से अधिक रुपये लिए हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। छात्रों के हित में जो होगा, सरकार वही निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि इस वक्त सर्वोच्च प्राथमिकता रिजल्ट तैयार करने की है। सीबीएसई अपना पैटर्न तैयार कर रहा है। उत्तराखंड बोर्ड भी सीबीएसई की तर्ज पर चलता है। लिहाजा उसकी प्रतीक्षा की जा रही है। खासकर इंटरमीडिटए करियर के लिहाज से महत्वपूर्ण पड़ाव है। प्रतियोगी परीक्षाओं में किसी भी वजह से उत्तराखंड के छात्र पीछे न छूटे, इसलिए जरूरी है कि आंकलन की प्रक्रिया करीब- करीब समान हो।
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